Jharkhand: बाबूलाल मरांडी ने CM हेमंत सोरेन से कहा- '...ये लोग आपको कहीं का नहीं छोड़ेंगे'
Ranchi: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने CM को चिट्ठी लिखी और कहा अधिकारियों और बिचौलियों की मदद से कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया. नियम विरुद्ध जाकर रि-टेंडर कराया, लेकिन उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी.
Jharkhand News: झारखंड में शराब घोटाले की चर्चा शुरू हो गई है. पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने प्रेस कांफ्रेंस और लगातार ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को घेरा है. बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि भ्रष्टाचार के लिए ही छत्तीसगढ़ की शराब नीति झारखंड में लागू की गई और वहीं की कंपनियों को ठेका दिया गया.
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की 4 कंपनियों को गलत तरीके से काम मिला. सरकार ने शुरुआत में 2,300 करोड़ रुपये के राजस्व का दावा किया, लेकिन पता चला कि बड़ा नुकसान होने वाला है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने 18-19 अप्रैल को मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी. उन्हें आगाह किया कि अधिकारियों और बिचौलियों की मदद से कंपनियों को मनचाहा फायदा पहुंचाया गया. नियम विरुद्ध जाकर रि-टेंडर कराया, लेकिन उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं जब छत्तीसगढ़ में ईडी ने छापा मारा और मामला झारखंड से भी जुड़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सचिव और आयुक्त को नोटिस जारी किया गया. साथ ही 450 करोड़ रुपये की रिकवरी करने को कहा गया. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, शराब घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई ना कर उन्हें नोटिस जारी करना बताता है कि सरकार ने अपनी चमड़ी बचाने के लिए पूरा चक्रव्यूह रचा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जिसमें हेमंत सोरेन कार्यकाल में भ्रष्टाचार ना हुआ हो, यह शर्मनाक है.
'CM नहीं चेते तो भ्रष्ट अधिकारी उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे'
दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि, शराब नीति के लिए नियुक्ति छत्तीसगढ़ की परामर्शी कमेटी, सिंडिकेट और अधिकारियों ने मिलकर राज्य सरकार का 450 करोड़ रुपये का घाटा किया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अभी भी नहीं चेते तो भ्रष्ट अधिकारी उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार भले ही मुझे नेता ना मानती हो, लेकिन मेरी पार्टी ने मुझे विधायक दल का नेता चुना है, नेता प्रतिपक्ष नामित किया है. मैं राज्य का मुख्यमंत्री रह चुका हूं इसलिए अंदाजा है कि कहां-कहां गड़बड़ी की जा सकती है.
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