Palamu: महादलितों के 50 घरों को किया गया ध्वस्त, BJP नेता बोले- 'हिम्मतवाली सरकार में बढ़ी जिहादियों की हिम्मत'
Palamu News: झारखंड (Jharkhand) के पलामू जिले में मुसहर समुदाय के 50 घरों को उजाड़ दिया गया है. मामले को लेकर बीजेपी नेता रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर निशाना साधा है.
Palamu Muslims Demolished Mahadalit House: झारखंड (Jharkhand) के पलामू (Palamu) जिले के पांडू थाना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोगों ने महादलित समुदाय के 50 घरों को ध्वस्त कर उन्हें उजाड़ दिया है. महादलित समुदाय (Mahadalit Community) के मुसहर जाति के ये लोग अब आशियाने के लिए भटक रहे हैं. घटना मुरुमातु महादलित टोले की है. महादलित परिवार के लोग यहां 30 वर्षों से भी अधिक समय से रह रहे थे. पूरे मामले को लेकर पीड़ित परिवारों में डर बना हुआ है. इस बीचे मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुवर दास ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है.
'डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र'
रघुवर दास (Raghubar Das) ने ट्वीट कर कहा कि, ''हिम्मतवाली सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गई है. महादलित परिवारों को घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़कर बेघर कर दिया और यह गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी रही. यह साबित करता है कि सरकार के सरंक्षण में राज्य की डेमोग्राफी बदलने के लिए सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र चल रहा है.''
घरों को ध्वस्त कर दिया गया
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मुस्लिम समुदाय के लोग भीड़ की शक्ल में पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु के महादलित टोले में पहुंचे. यहां भीड़ ने पीड़ित परिवार के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर उन्हें वहां से उजाड़ दिया. उनकी झुग्गी-झोपड़ियों को गिरा दिया गया. दलित परिवार के ये लोग पिछले 30 वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे और पहाड़ के नजदीक मिट्टी काटकर झुग्गी-झोपड़ी बना रखी थी. कुछ लोगों के कच्चे मकान भी थे, जबकि कई लोग पत्तों से बनी झोपड़ियों में रह रहे थे. हालांकि, ये बात भी सामने आ रही है कि दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हुआ था.
जमीन से जुड़े कागजात हैं
स्थानीय लोगों का कहना है कि दलित परिवार की ये बस्ती स्टेट हाईवे पांडु छत्तरपुर के बगल में है. ये समुदाय इलाके में भिक्षाटन कर अपना जीवनयापन कर रहा था. महादलित समुदाय का कोई भी व्यक्ति शिक्षित नहीं है. समुदाय का आरोप है कि ये उनकी जमीन है, इस जमीन पर एक संस्था का धार्मिक कार्य संचालन किया जाना है. पीड़ितों का कहना है कि उनके पास जमीन से संबंधित सर्वे के कागजात भी हैं.
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