Babulal Marandi Reaction on Farm Laws Repeal: केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. आज गुरु पुर्णिमा के मौके पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है. इस बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.

  


सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखकर काम करती रही है
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, 'किसानों के विकास के प्रति @narendramodi जी की सरकार सदैव चिंतनशील रही है. चाहे वो किसानों को बीज उपलब्ध करानी हो, सिंचाई की व्यवस्था हो, बाजार की उपलब्धता, फसल बीमा का प्रावधान या फसलों के न्यूमतम समर्थन मूल्य की गारंटी. सरकार हरेक क्षेत्र में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर काम करती रही है. इसी श्रृंखला में केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई, कुछेक किसान संगठन इस कानून के पक्ष में नहीं थे, सरकार ने कई संशोधन भी किये, लेकिन किसान नहीं माने. लोकतंत्र में किसी विषय पर टकराहट देशहित में नहीं होता. इन्हीं विषयों को ध्यान में प्रधानमंत्री जी ने तीनों कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. साथ ही उन्होंने दोहराया कि किसानों के हित में सरकार पूरी लगन व प्रतिबध्दता से काम करती रहेगी. जनभावना को ध्यान में रखकर इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार.' 




सीएम सोरेन ने सरकार पर साधा निशाना 
बता दें कि, कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान होने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक के बाद कई ट्वीट किए. सीएम ने कहा कि, ' आज सुबह-सुबह देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने काले कृषि क़ानून को वापस लेने की घोषणा की. यह बहुत ही हास्यास्पद घोषणा है. अब पूरी भाजपा इस प्रचार में लगी है कि प्रधानमंत्री जी किसानों के हितैषी दिखें! यह बात साबित हुई है कि देश में आज भी लोकतंत्र जिंदा है.'


शहीद का दर्जा दें
दूसरे ट्वीट में सीएम सोरेन ने कहा कि, ' हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री जी तत्काल इस आंदोलन में मारे गए किसानों को 5-5 करोड़ रुपए मुआवज़ा दें और उन्हें शहीद का दर्जा दें. मारे गए किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी दें. उनके ऊपर जो FIR हुए हैं, न्यायालय में मामले लम्बित हैं, उन्हें अविलंब वापस ले.'


केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए
तीसरे ट्वीट में सीएम सोरेन ने कहा कि, ' और इतने वक्त तक किसान जो सड़कों पर थे, जो घर-बार छोड़कर बाल-बच्चों के साथ सड़क पर थे, उन देश के सभी किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति के लिए 10-10 लाख रुपए दें. साथ ही अविलंब केंद्रीय कृषि मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. ' 


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