Jharkhand Politics: झारखंड बीजेपी ने राज्यपाल से मांग की है कि, राजभवन के खिलाफ असंवैधानिक टिप्पणी के लिए विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. दरअसल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में मंगलवार को राजभवन गए पार्टी शिष्टमंडल ने कहा कि, आखिर विधानसभा अध्यक्ष किसी राजनीतिक दल का मंच कैसे शेयर कर सकते हैं. पार्टी नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष का झामुमो के मंच से भाषण देना और राजभवन को टार्गेट करना अमर्यादित और पद की गरिमा के खिलाफ आचरण है.


ऐसे व्यक्ति को एक पल के लिए भी इस पद पर नहीं होना चाहिए. स्पीकर द्वारा राजभवन पर सीधी टिप्पणी असंवैधानिक है. ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष के अलावा मुख्यमंत्री और सरकार में संवैधानिक पद पर बैठे लोगों द्वारा लगातार असंसदीय और असंवैधानिक वक्तव्य दिए जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि ये सब इनके आचरण और व्यवहार का अंग बन चुका है. साथ ही बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को समाचार पत्रों में छपे विधानसभा अध्यक्ष के बयान की कतरनें सौंपी. कहा, 26 जून को स्पीकर ने झामुमो के एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजभवन पर गंभीर आरोप लगाए. यह राज्य को कलंकित करने के समान है.






स्पीकर ने कुछ गलत नहीं कहा- झामुमो


वहीं पार्टी नेताओं ने कहा कि किसी भी विधेयक पर सरकार से विधि-सम्मत जानकारी प्राप्त करना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ कि राजभवन ने कोई विधेयक लौटाया हो, लेकिन एक संवैधानिक कार्यवाही को दलीय चश्मे से देखना मर्यादाओं का उल्लंघन है. वहीं झामुमो ने कहा है कि, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने 26 जून को अपने विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कोई भी गलत टिप्पणी नहीं की है. झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि, भाजपाइयों का राजभवन जाकर विरोध करना, उनके असली चेहरे को उजागर करता है.


बीजेपी सिर्फ दूसरों पर उंगली उठाती है- झामुमो


इन लोगों का काम अब खुल कर सतह पर आ गया है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राज्यपाल भी संथाल परगना के दौरे पर गए थे. वहां उन्होंने कहा था कि संथाल परगना में दादागीरी नहीं चलने दी जाएगी. सुप्रियो ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि ही लोकतंत्र की मुख्य धारा में होते हैं. अब कोई विधायक और सांसद को चुनौती दे यह अच्छी बात नहीं है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी को केवल दूसरे का ही चेहरा काला दिखता है. उसे दूसरे को आईना दिखाने से पहले उस आईने में अपना चेहरा देखना चाहिए. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि स्पीकर भी किसी पार्टी का नेता होता है. कार्यकर्ताओं के बीच जाने पर उसकी आकांक्षा को पूरा करने की भी उसकी जिम्मेवारी होती है. संथाल परगना में झामुमो के कार्यकर्ता राज्यपाल के बयान से आक्रोश में हैं. वे अपनी पार्टी के नेता से संरक्षण चाह रहे हैं.





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