Jharkhand News: झारखंड बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के सलाहकार सुनील तिवारी की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष द्वारा लिखे गए पत्र पर झामुमो ने तीखी टिप्पणी की है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि, आखिर सुनील तिवारी कौन हैं? पत्रकार, वकील, सचिव या नेता. क्या सुनील तिवारी वही हैं, जिन्होंने 2021 में अपने घर पर काम करने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुर्व्यहार करने की वजह से जेल गए थे और अभी बेल पर हैं. 


झामुमो ने उनके बारे में जो जानकारी हासिल की तो उनके बाबूलाल मरांडी के साथ गंभीर रिश्ते हैं. कुछ और टटोलने पर उनका योगेंद्र तिवारी के साथ, उनकी पत्नी का भी योगेंद्र तिवारी के साथ, बाबूलाल मरांडी के भाई के भी योगेंद्र तिवारी के साथ व्यावसायिक रिश्ते हैं. उन्होंने कहा कि केवल और केवल लूट के लिए सुनील तिवारी की सुरक्षा की मांग की जा रही है.


'बाबूलाल पत्र सार्वजनिक करें'
सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि, मरांडी भ्रष्टाचार की बात करें, इससे बड़ा उपहास कोई हो ही नहीं सकता. उन्होंने पूछा कि अडाणी के खिलाफ धरना देने वाले बाबूलाल मरांडी किस सौदे के बाद चुप हो गए. उसी तरह अमरापाड़ा में भी उनका धरना किस सौदे के बाद समाप्त हो गया. अडाणी और एनटीपीसी के साथ हुए पावर पर्चेज एग्रीमेंट पर हाय तौबा मचाने वाले बाबूलाल मरांडी क्यों चुप हैं. यह तो उन्हें जनता को बताना चाहिए. साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार को वह सुनील तिवारी की सुरक्षा को लेकर पिछले दरवाजे से जो पत्र लिख रहे हैं, उसे मीडिया में सार्वजनिक करें.


बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं प्रदेश भाजपा महामंत्री प्रदीप वर्मा ने सुप्रियो भट्टाचार्य पर पलटवार करते हुए कहा है कि, झामुमो ने झूठ की फैक्ट्री खोल रखी है, जिसके प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य हैं. पर, उन्हें थोड़ा संभल कर झूठ बोलना चाहिए. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी जिस मामले में बेल पर हैं, वह मामला नाबालिग लड़की से जुड़ा नहीं है. यदि सुप्रियो में हिम्मत है, तो वह सुनील तिवारी के बेल ऑर्डर को मीडिया में पढ़ कर सुना दें. बेल स्वीकृत करते हुए जिस प्रकार से न्यायालय ने राज्य की पुलिस और उसकी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, उससे स्पष्ट है कि हेमंत सरकार जान बूझकर उन्हें फंसाने का प्रयास कर रही है.


'मॉडल कांड में CM पर आरोप जगजाहिर'
प्रदीप वर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने सुनील तिवारी की सुरक्षा को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा, लेकिन इससे संबंधित प्रेस वार्ता झामुमो के प्रवक्ता कर रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि सरकार सुनील से प्रतिशोध की भावना रखती है. सुप्रियो की प्रेस वार्ता सुनील की सुरक्षा से संबंधित आशंका को साबित कर रहा है. प्रदीप वर्मा ने कहा कि मुंबई मॉडल कांड में मुख्यमंत्री पर आरोप जगजाहिर है. सुनील तिवारी इस मामले में इंटरवेनर हैं. आज भी वह मामला समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि वह न्यायालय में लंबित है. उन्होंने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि एक आम आदमी की सुरक्षा के संबंध में भी मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन को पत्र लिख सकता है, लेकिन झामुमो की बौखलाहट का अर्थ झारखंड की जनता को जानना भी आवश्यक है.


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