झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, मंईयां योजना पर किया ये ऐलान
Jharkhand Budget 2025: झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. राधाकृष्ण किशोर ने विधानसभा में 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें सामाजिक विकास और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष जोर है.

Jharkhand Budget 2025: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सोमवार (3 मार्च) को बजट पेश किया. 2025-26 का यह बजट एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 13% अधिक का बजट है.
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार 18 से 50 साल तक की महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देती है. इसका उद्देश्य नारी को सशक्त बनाना है.
मंईयां सम्मान योजना के लिए कितने रुपये?
उन्होंने कहा कि सशक्त एवं समर्थ राज्य एवं समाज बनाने के लिए हेमंत सोरेन की सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी, सामाजिक रूप से सशक्त, मानसिक रूप से सजग और विकसित बनाने के लिए मंईयां सम्मान योजना से आच्छादित किया है.
वित्त मंत्री ने कहा है कि इस योजना के लिए झारखंड सरकार के बजट में 13,363 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. साथ ही साथ रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर फोकस है.
अबुआ बजट हो रहा पेश…
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) March 3, 2025
एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट । पिछले वित्तीय वर्ष से 13% अधिक का बजट…#JharkhandBudget2025 pic.twitter.com/XBJ6TfIjHg
विधानसभा चुनाव के बाद पहला बजट
पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता बरकरार रखने के बाद हेमंत सोरेन सरकार का यह पहला बजट है. राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि बजट गरीबों, किसानों, आदिवासियों और महिलाओं सहित समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.
राज्य के वित्त मंत्री वित्त ने कहा कि साल 2025-26 के लिए झारखंड बजट में राजकोषीय घाटा 11,253 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
कानूनी लड़ाई लड़ेगी झारखंड सरकार
राधाकृष्ण किशोर ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि झारखंड सरकार केंद्र के पास लंबित अपने 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाए की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी.
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान आबकारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने हालांकि कहा कि वास्तविक बकाया राशि का मूल्यांकन करने के लिए केंद्र और राज्य के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति बनाई गई है. राज्य सरकार कई वर्षों से दावा कर रही है कि कोल इंडिया लिमिटेड जैसी संस्थाओं द्वारा खनन किए गए कोयले के बदले केंद्र पर राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है.
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