(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: मंत्री बनने के बाद क्या होगी बसंत सोरेन की प्राथमिकता? हेमंत सोरेन का जिक्र कर कही ये बात
Jharkhand Cabinet Expansion: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की झारखंड सरकार में एंट्री हो चुकी है. वो विधायक से मंत्री बन चुके हैं. उन्हें सरकार में तीन विभाग दिया गया है.
Jharkhand News: झारखंड में हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को मंत्री बनाया गया है. शुक्रवार (16 फरवरी) को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि उनके भाई (हेमंत सोरेन) ने जिन योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया है, उसे वो आगे ले जाएंगे. बसंत सोरेन पहली बार मंत्री बने हैं. सोरेन परिवार से वो एक मात्र नेता हैं जो सरकार में शामिल किए गए हैं.
बसंत सोरेन ने मीडिया कहा, 'भाई जेल में है ये बात सही है. भाई ने जो अब तक इन चार सालों में किया है वो भी काबिल-ए-तारीफ है और मेरी कोशिश ये रहेगी कि जिन योजनाओं को उन्होंने धरातल पर उतारने का काम किया है, वो सारी योजनाएं, जैसा वह चाहते थे, उस रूप में धरातल पर उतरे. हर जन मानस को उन सुविधाओं का लाभ मिले, यही मैं उम्मीद करता हूं और यही हम लोगों का लक्ष्य भी है."
#WATCH | Ranchi: Basant Soren - Jharkhand Minister & brother of former CM Hemant Soren, says, "Whatever my brother has done in the past 4 years were commendable... A portfolio does not matter, the work matters. Whatever portfolio we will get, we will concentrate on our work..." pic.twitter.com/68Ic7yD7FD
— ANI (@ANI) February 16, 2024
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "पोर्टफोलियो मायने नहीं रखता है, काम मायने रखता है. हम लोग काम करने वाले हैं. हम लोगों को पोर्टफोलियो कुछ भी मिले, हम लोग काम के प्रति ईमानदार हैं. बाकी चीजें हमारे लिए एक सौगात, एक जिम्मेदारी है."
उनके इस बयान के कुछ ही देर बाद झारखंड में विभागों को बंटवारा कर दिया गया. बसंत सोरेन को सड़क निर्माण, भवन निर्माण और जल संसाधन का कार्यभार दिया गया है. दीपक बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी कल्याण और परिवहन मंत्रालय दिया गया है. बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया गया. रामेश्वर उरांव के विभाग में कोई बदलाव नहीं हुआ. उनके पास वित्त, योजना, वाणिज्यिक कर और खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है. इसी तरह, आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और ग्रामीण कार्य विभाग कायम है. सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग फिर से सौंपा गया है और उद्योग विभाग का कार्यभार भी दिया गया, जबकि बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रालय कायम रहेगा. बादल पत्रलेख कृषि एवं पशुपालन मंत्री बने रहेंगे. अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, खेल और युवा मामले विभाग की जिम्मेदारी हफीजुल हसन को सौंपी गई है.