Jharkhand News: झारखंड में सीएम चंपई सोरेन (Champai Soren) की सरकार के गठन के 15 दिनों के भीतर शुक्रवार को कैबिनेट का भी विस्तार हो गया. चंपई सोरेन ने 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था और उसके बाद से ही नए मंत्रियों के नाम का इंतजार किया जा रहा था. 2 फरवरी को सीएम चंपई के साथ दो मंत्रियों सत्यानंद भोक्ता और आलमगीर आलम ने शपथ लिया था. वहीं, 9 विधायकों ने आज (16 फरवरी) शपथ लिया है. राज्पाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. जिन विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई है उनमें शिबू सोरेन (Shibu Soren) के बेटे बसंत सोरेन भी हैं. आइए जानते हैं चंपई सोरेन की कैबिनेट में किसे मिला मौका.


कौन कौन नेता बने मंत्री?


झारखंड में नौ नए मंत्रियों रामेश्वर उरांव, बैद्यनाथ राम, दीपक बिरुआ, बन्ना गुप्ता, बादल, मिथिलेश कुमार ठाकुर, बसंत सोरेन, हफीजुल हसन और बेबी देवी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है.  इन नौ में से छह पहले भी मंत्री रहे हैं. डॉ. रामेश्वर उरांव कांग्रेस नेता हैं और वह हेमंत सोरेन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं. वह लोहरदगा सीट से विधायक हैं. बैद्यनाथ राम लातेहार से जेएमएम के विधायक हैं. वह 2019 में बीजेपी को छोड़कर शिबू सोरेन की पार्टी में शामिल हुए थे. दीपक बरुआ भी जेएमएम के विधायक हैं. वह चाईबासा सीट का नेतृत्व करते हैं. 


पुरानों पर भी भरोसा, नए को भी मिला मौका
बन्ना गुप्ता जमशेदपुर वेस्ट सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और हेमंत सोरेन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. बादल जरमुंडी सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 2014 से जरमुंडी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. मिथिलेश ठाकुर गढ़वा सीट से जेएमएम के विधायक हैं. ठाकुर भी पूर्व की जेएमएम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. बसंत सोरेन, शिबू सोरेन के बेटे हैं और दुमका सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह झारखंड की युवा इकाई के अध्यक्ष हैं. हफीजुल हसन पर एकबार फिर भरोसा जताया गया है. उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी गई है. वह मधुपुर से जेएमएम के विधायक हैं.


पति के निधन के बाद मंत्री बनीं थी बेबी देवी
बेबी देवी 2023 के उपचुनाव में डुमरी सीट से निर्वाचित हुई हैं. वह पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी हैं. पति के निधन के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और डुमरी से चुनाव लड़ा था. दरअसल, विधायक बनने से पहले ही उन्हें मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी. वह हेमंत सोरेन सरकार में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग देख रही थीं.


ये भी पढ़ेंJharkhand Cabinet Expansion: झारखंड में कैबिनेट विस्तार आज, सोरेन परिवार से बसंत सोरेन का नाम सबसे आगे?