Jharkahnd News: झारखंड सरकार ने पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिल रहे वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी का निर्णय किया है. बुधवार को प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में वेतन और भत्ता बढ़ाने संबंधी पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. दरअसल, जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, प्रमुख- उपप्रमुख और मुखिया-उपमुखिया के मानदेय में 2000 रुपये तक की बढ़तोरी की गई है.


वहीं यात्रा भत्ता में दोगुनी बढ़ोतरी की गई है. वहीं कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में जंगली जानवरों से मकान, फसल के क्षतिग्रस्त होने और जानवरों की मौत पर मुआवजा राशि में भी बढ़ोतरी की है. जनप्रतिनिधियों के मासिक भत्ता, यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता की दरें साल 2011 में निर्धारित की गई थीं. साल 2005 में इसमें संशोधन किया गया था. इसके बाद महंगाई बढ़ी और प्रतिनिधियों के कार्यक्षेत्र का विस्तार हुआ. इसी को ध्यान में रखते हुए यह बढ़ोतरी की गई है.


जनप्रतिनिधियों ने की थी भत्ता बढ़ाने की मांग


इसके लिए विधानसभा सत्र में सदस्यों ने पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी की मांग उठाई थी. वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी मासिक भत्ता बढ़ाने की मांग की थी. उधर, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही एसटी-एससी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्ग की महिला प्रतिनिधियों को अब प्रति बैठक 100 की जगह 150 रुपये विशेष मानदेय मिलेगा. बैठक में कुल 39 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.


जिला परिषद अध्यक्ष को 12,000 रुपये
इस निर्णय के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है, जबकि जिला परिषद उपाध्यक्ष का मासिक वेतन 7,500 रुपये से बढ़ाकर दस हजार रुपये किया गया है. वहीं पंचायत समिति प्रमुख का वेतन 5000 रुपये मासिक से बढ़ाकर आठ हजार रुपये, उप प्रमुख का वेतन तीन हजार से बढ़ाकर चार हजार रुपये कर दिया गया है.


मुखिया को बढ़ाकर मिलेंगे ढाई हजार
इसके अलावा मुखिया का वेतन एक हजार से बढ़ाकर ढ़ाई हजार रुपये और उपमुखिया का वेतन पांच सौ रुपये से बढ़ाकर 1,200 रुपये करने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में हुआ. इसके अलावा पंचायती राज प्रतिनिधियों के दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता में भी बढ़ोतरी की गई है. पंचायती राज प्रतिनिधियों का दैनिक भत्ता 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिदिन और अन्य साधनों से यात्रा पर अब दस रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान होगा. वहीं अभी तक इन्हें प्रति किलोमीटर पांच रुपये यात्रा भत्ता मिलता था. राज्य सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में जल सहियाओं को स्मार्टफोन और दो साड़ी देने का निर्णय किया है. 


जंगली जानवर ने घायल किया तो मिलेगा इतना  मुआवजा
राज्य में लगभग 30 हजार जल सहिया है. इनका कार्य स्वच्छ भारत मिशन को धरातल पर उतारना है. वहीं कैबिनेट ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इसमें जंगली जानवरों द्वारा जान-माल, फसल, मकान और पालतू जानवरों को क्षति पहुंचाने पर भी मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की गई है. यह मुआवजा राशि 2017 में तय की गई थी. अब गंभीर रूप से घायल होने पर एक लाख की जगह 1.50 लाख और मामूली घायल होने पर 15 की जगह 25 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं स्थाई विकलांग होने पर 2 लाख की जगह 3.25 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा.


कबिनेट बैठक में ये भी फैसले लिए गए 



  • झारखंड में ट्रायल कोर्ट के लिए टंकक के 75 स्थाई पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई.

  • जल सहियाओं को एक बार टेबलेट और हर साल दो साड़ी उपलब्ध कराने के लिए 39.07 करोड़ मंजूर.

  • सीवी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय, विधेयक-2023 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई.

  • रेसा जलाशय योजना के लिए 244.60 करोड़ रुपए के रिवाइज्ड एस्टीमेट की प्रशासनिक स्वीकृति.

  • लेस्लीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्वेता कुमारी की बखास्तगी की मंजूरी भी दी गई है.


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