Jharkhand Cash Scandal: पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने दावा किया कि दिल्ली और गुवाहाटी में बुधवार सुबह उसके दलों को झारखंड के तीन विधायकों से नकदी जब्ती मामले की जांच करने से स्थानीय पुलिस ने रोका. सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने बुधवार को उसके एक दल को राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार झारखंड के तीन विधायकों में से एक के ‘करीब सहयोगी’ से जुड़ी संपत्ति पर छापेमारी करने से रोक दिया और हिरासत में ले लिया. सीआईडी ने इस व्यक्ति को मामले में आरोपी बताया है.
झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी जिस कार में यात्रा कर रहे थे, उसमें से 49 लाख रुपये जब्त होने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक निरीक्षक, एक एएसआई और दो एसआई समेत कुल चार अधिकारियों को अदालती वारंट होने के बावजूद नयी दिल्ली में साउथ कैंपस थाना क्षेत्र में छापेमारी करने से रोककर हिरासत में ले लिया गया.
इस तरह रोका जाना पूरी तरह से अवैध- सीआईडी
सीआईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की एक टीम को झारखंड के विधायकों से नकदी जब्त होने के मामले में एक आरोपी से जुड़ी संपत्ति पर छापेमारी करने से रोक दिया.'' अधिकारी ने कहा, ''वे नकदी जब्त होने के मामले की जांच से सिलसिले में दिल्ली गए थे. इस तरह रोका जाना पूरी तरह से अवैध है.''
केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने बाद में कहा कि उसने तलाशी वारंट के क्रियान्वयन में कुछ विसंगतियां पायीं लेकिन बाद में उसने सीआईडी दल को पूरा सहयोग किया. सीआईडी ने ट्वीट किया, ''यह मामला झारखंड के तीन विधायकों के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने से संबंधित है.’’
राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में मामले को सुलझाने के लिए बाद में पश्चिम बंगाल सरकार तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम दिल्ली भेजी है. एक अधिकारी ने बताया कि सीआईडी ने जब्त की गई नकदी विधायकों को भेजने वाले कारोबारी महेंद्र अग्रवाल को बुधवार सुबह ईएम बाईपास पर उसके घर के सामने से गिरफ्तार कर लिया.
सीआईडी ने दावा किया है कि अग्रवाल ने तीनों विधायकों के पास से जब्त की गई नकदी हवाला के जरिए उन तक पहुंचाई थी. विधायकों की गिरफ्तारी के बाद से अग्रवाल फरार था. असम में पुलिसकर्मियों को ‘हिरासत में लेने’ के बारे में सीआईडी अधिकारी ने कहा कि भाजपा शासित इस पूर्वोत्तर राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है.