Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन को सीबीआई ने जारी किया समन, जानें क्या है पूरा मामला?
Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन को CBI ने पूर्व राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव और रंजीत कोहली के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना केस में समन भेजा है.
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने समन भेजा है. बता दें कि एक पुराने मामले में सीबीआई ने उन्हें समन जारी किया है. यह मामला है पूर्व राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव का, जिन्होंने कुछ साल पहले धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में मुख्य आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन है. रंजीत ने बचाव पक्ष की ओर से अदालत को गवाहों की सूची उपलब्ध करायी है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी गवाह के तौर पर रखा है.
बता दें कि, मुख्य आरोपी रंजीत कोहली की ओर से अदालत को सौंपी गयी सूची को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में मंजूर भी कर लिया गया है. साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गवाह के रूप में समन भी जारी कर दिया है. अभियोजन की ओर से 26 गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद अदालत की ओर से रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को सूची देने का आदेश दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक बार हेमंत सोरेन रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन के घर एक समारोह में शामिल हुए थे हालांकि, उस समय वे विपक्ष के नेता थे.
बताया जा रहा है कि, आरोपी रंजीत ने इसी मुलाकात से उनसे परिचय का हवाला दिया है और अपने गवाह के तौर पर सूची में नाम शामिल किया है. हालांकि, इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन गवाह के तौर पर गवाही के लिए पेश होते है या नहीं, इसपर जानकारी नहीं हैं. अगर वो पेश होते है तो उनका बयान किसके पक्ष में रहने वाला है, इसपर भी संशय बरकरार है. जानकारी हो कि रंजीत कोहली और तारा शहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी और कुछ ही दिनों बाद यह पूरा मामला सामने आया.
क्या है पूरा मामला?
पूरे मामले की बात करें तो आरोप ये है कि शादी के कुछ ही दिनों के बाद रंजीत कोहली की सच्चाई सामने निकलकर आई थी. आरोप लगाया गया कि शादी के समय तक उसे यह अंदाजा भी नहीं था कि जिसे तारा रंजीत समझ रही है वह रकीबुल हसन है. साथ ही आरोप है कि शादी के बाद तारा से दहेज की मांग की जाने लगी और उसे धर्म परिवर्तन के लिए भी प्रताड़ित किया जाने लगा. इन आरोपों के साथ तारा शाहदेव ने हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
2015 में सीबीआई ने लिया केस
मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस को साल 2015 में सीबीआई ने टेकओवर कर लिया था और मामले की जांच शुरू कर दी गयी थी. साल 2018 में आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन किया गया था. मामले में मुख्य आरोपी रंजीत उर्फ रकीबुल के अलावा उसकी मां कौशर रानी, हाई कोर्ट के बर्खास्त विजिलेंस रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद ट्रायल फेस कर रही हैं. ऐसे में इस मामले में आरोपी की ओर से मुख्यमंत्री को गवाह बनाने से यह मामला दुबारा एक बार लाइमलाइट में आ गया है.