Ranchi News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शुक्रवार को मांग की कि केंद्र राज्य में खनन इकाइयों की बकाया राशि 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करें. इसके अलावा सीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना का काम पूरा करने में सहायता मांगी, क्योंकि आठ लाख ग्रामीण इसके लिए पात्र हैं.


हेमंत सोरेन वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में शामिल हुए. उन्होंने उग्रवाद की समस्या से लड़ने के लिए अर्धसैनिक बलों की निरंतर तैनाती की भी वकालत की. उन्होंने केंद्र का ध्यान बैंकों द्वारा ऋण देने में कथित असहयोग की ओर दिलाया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय औसत 67 प्रतिशत के मुकाबले राज्य में 45 प्रतिशत के खराब ऋण जमा अनुपात में दिखाई देता है.


हेमंत सोरेन ने अमित शाह से किया अनुरोध


हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया X पर एक लिखा, ‘केंद्र की खनन कंपनियों का राज्य पर 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है, जो उनके द्वारा प्रदान नहीं किया जा रहा है. मैं आपसे (अमित शाह) अनुरोध करता हूं कि वह खनन मंत्रालय को जल्द से जल्द इन बकाए का भुगतान करने का निर्देश दें.’


सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि उग्रवाद की समस्या दोबारा न हो, यह आवश्यक है कि इन (प्रभावित) क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकासोन्मुख योजनाएं चलायी जाएं, जिसके लिए राज्य से संसाधनों की आवश्यकता होगी. इस संदर्भ में, मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा कि केंद्र की खनन कंपनियों पर राज्य का लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है. आपसे अनुरोध है कि खनन मंत्रालय को जल्द से जल्द बकाया भुगतान करने का निर्देश जारी करें. उन्होंने राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि राज्य में उग्रवाद की समस्या फिर से पैदा नहीं हो सके.


CRPF IG का कार्यकाल तीन साल करने की मांग


मुख्यमंत्री ने नक्सल विरोधी अभियानों में निरंतरता बनाए रखने के लिए राज्य में प्रतिनियुक्त केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के आईजी का कार्यकाल कम से कम तीन साल तय करने की भी मांग की. सोरेन ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उग्रवाद उन्मूलन के लिए कई योजनाएं अचानक बंद कर दी गईं, जिससे उग्रवाद उन्मूलन के प्रयासों को नुकसान पहुंचा है.


सोरेन ने कहा कि प्रभावित जिले को 30 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता का लाभ 16 जिलों के मुकाबले केवल नौ जिलों तक सीमित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आठ लाख पात्र लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हैं. उन्होंने इस संबंध में तत्काल कदम उठाए जाने का आग्रह किया.


बैंकों से अपेक्षित सहयोग नहीं- सोरेन


झारखंड में ऋण देने में बैंकों की कथित उदासीनता की ओर केंद्र का ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘झारखंड को विकास के लिए बैंकों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है, जिसका पता इस बात से चलता है कि राज्य का ऋण जमा अनुपात राष्ट्रीय औसत लगभग 67 प्रतिशत के मुकाबले केवल 45 प्रतिशत है.’ उन्होंने कहा कि, बैंकों के इस असहयोगपूर्ण रवैये के कारण राज्य के लोग लाखों करोड़ रुपये के निवेश के लाभ से वंचित हैं. राज्य में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को बैंक छोटे ऋण की सुविधा भी नहीं दे रहे हैं.


सोरेन ने किसी भी खनन क्षेत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में जिला खनिज निधि से खर्च करने के दिशानिर्देशों में प्रस्तावित बदलाव पर आपत्ति जताते हुए इसे खत्म करने की मांग की.


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