Jharkhand News: झारखंड में सेना की जमीन के साथ-साथ रांची के अन्य जमीनों के फर्जी दस्तावेजों के सहारे खरीद-बिक्री में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ दाखिल प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन (पीसी) पर कोर्ट ने अपना संज्ञान आदेश पारित कर दिया है. इस मामले में ईडी की टीम ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के विशेष न्यायायलय में पूर्व डीसी छवि रंजन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ 12 जून को प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन फाइल की थी. इस मामले में कोर्ट अब एक जुलाई को सुनवाई करेगा.
इसके साथ ही उस दिन आरोपियों को पुलिस पेपर सौंपा जाएगा. बता दें कि जमीन घोटाले की जांच में ईडी ने अमित अग्रवाल और दिलीप घोष के साथ पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाई अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, कथित रैयत प्रदीप बागची, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम को गिरफ्तार किया था.
हाई कोर्ट पहुंचे छवि रंजन
दरअसल, बरियातू रोड स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन समेत अन्य जमीनों की अवैध खरीद-बिक्री मामले में निलंबित आईएएस छवि रंजन की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता छवि रंजन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है. इसलिए ईडी द्वारा गिरफ्तार किया जाना गलत है. उनके खिलाफ दर्ज केस को निरस्त किया जाए.
22 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
छवि रंजन की इस दलील पर हाई कोर्ट ने ईडी को जवाब देने का आदेश दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में छवि रंजन और बड़गाई के राजस्व कर्मचारी सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर 13 अप्रैल को ईडी ने छापेमारी की थी. वहीं एक हजार करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद कारोबारी प्रेम प्रकाश ईडी कोर्ट से डिस्चार्ज पिटीशन खारिज होने के बाद हाई कोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को दाखिल क्रिमिनल रिवीजन पर जस्टिस गौतम चौधरी के कोर्ट ने इस मामले में ईडी को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.