Ranchi News: झारखंड (Jharkhand) की राजनीति के लिए गुरुवार बड़ा दिन साबित हो सकता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को आज अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के समक्ष पेश होना है. ईडी के सामने पेश होने से पहले वो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं. इससे पहले बुधवार को उन्होंने अपने विधायकों को किसी भी बड़े फैसले के लिए तैयार रहने को कहा है. प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात के बीच सत्ताधारी गठबंधन यूपीए ने किसी भी तरह के फैसले लेने के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया है.


किस मामले में ED के सामने पेश होंगे हेमंत सोरेन


अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है. वो ईडी के सामने सुबह 11 से 12 बजे की बीच पेश हो सकते है. सोरेन से पूछताछ के लिए दिल्ली के ईडी मुख्यालय से संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी यहां पहुंच गए हैं. ईडी ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर उसके दफ्तर के बाहर उचित सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया है. इससे पहले मंगलवार को सोरेन ने ईडी के समक्ष पेश होने के लिए 16 नवंबर की तारीख मांगी थी. इसे जांच एजेंसी ने खारिज कर उन्हें तय समय पर 17 नवंबर को ही ईडी के समक्ष पेश होने को कहा था. ईडी ने इस मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य स्थानीय कथित बाहुबली बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया है. ईडी ने कहा है कि उसने राज्य में अब तक 1,000 करोड़ रुपये के अवैध खनन से संबंधित अपराध का पता लगाया है.


झारखंड पर कौन करेगा राज


इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में झामुमो विधायकों की बैठक हुई़. इसमें सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया. इसके बाद यूपीए विधायकों की साझा बैठक हुई़. सभी विधायकों को रांची में ही रहने को कहा गया है. इस बैठक में सोरेन ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसी भी तिकड़म से वे मुझे सत्ता से हटाना चाहते हैं. मैं उनकी साजिश को नाकाम कर दूंगा.


सोरेन ने कहा कि आपको तय करना है कि इस राज्य में षडयंत्रकारियों का राज चलेगा या आदिवासियों का. हमें सत्ता से बेदखल करने के लिए ये लोग लगे हुए हैं, इन्हें पता है कि अगर मैं पांच वर्ष तक यहां टिक गया तो आदिवासियों को मजबूत कर दूंगा. उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर से आकर यहां राजनीति करते हैं उन्हें मैं बाहर कर दूंगा.


मूलवासियों-आदिवासियों का शासन


सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य का समग्र विकास तभी संभव है जब ग्रामीण और आदिवासी कल्याण को प्राथमिकता दी जाए.'' उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है, जब मूलवासी और आदिवासी को एक छत के नीचे एकजुट होना होगा. उन्होंने कहा, ''अब आपको तय करना है कि आप किसे चुनना चाहते हैं, राज्य में षड्यंत्रकारियों का शासन या मूलवासियों-आदिवासियों का शासन. झारखंड में मूलवासी शब्द का इस्तेमाल राज्य के मूल गैर-आदिवासी निवासियों के संदर्भ में होता है.


रांची में मुख्यमंत्री आवास पर हुई संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के विधायकों की बैठक हुई. सभी विधायकों को रांची में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बड़ी रैली करने और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.


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