Chhath Puja 2021 in Jharkhand: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बाद छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) का उत्साह लोगों में दिखाई दे रहा है. इस पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. इसे लोक आस्था का महापर्व भी कहा जाता है. सोमवार को नहाय-खाय के साथ झारखंड में भी सूर्योपासना का ये महापर्व शुरू हो चुका है. पुत्र रत्न की प्राप्ति के साथ परिवार में खुशहाली और समृद्धि के साथ दीर्घायु की कामना के लिए महिलाएं छठ मईया (Chhathi Maiya) का व्रत करती हैं. झारखंड में भी छठ महापर्व का उत्साह दिखाई दे रहा है. झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्य के लोगों को खरना के साथ शुरू होने वाले व्रत पर सभी छठ व्रतियों को शुभकामनाएं दी हैं. 


आस्था के महापर्व की शुभकामनाएं
मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ट्वीट कर कहा कि, 'खरना के साथ शुरू होने वाले व्रत पर सभी छठ व्रतियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार.' इससे पहले सोमवार को भी सीएम ने ट्वीट कर शुभकानाएं देते हुए कहा था कि 'नहाय-खाय के साथ शुरू होने वाले सूर्य उपासना और लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार.'




तय की गई हैं कोविड गाइडलाइन्स
झारखंड में श्रद्धालुओं और व्रतियों को लेकर कोविड (Coronavirus) के मद्देनजर कुछ जरूरी गाइडलाइन्स भी तय की गई हैं और इनका पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों से इन गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है. सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. 


दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नहीं
गाइडलाइन्स के अनुसार छठ घाटों और पूजा स्थलों पर इस बार किसी भी तरह की दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नहीं दी गई है. पूजा स्थलों पर आतिशबाजी भी प्रतिबंधित की गई है. हालांकि, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सार्वजनिक पूजा स्थलों, रास्तों और छठ घाटों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर छठ के दूसरे अर्ध्य के दिन सुबह छह से आठ बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी है. छठ घाट पर पहुंचने वाले सभी लोगों से सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने को कहा गया है. घाटों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. पानी के अंदर थूकने या कुल्ला करने की सख्त मनाही की गई है. 



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