Jharkhand Crime News: झारखंड (Jharkhand) में पूर्व IG शीतल उरांव (Sheetal Oraon) के परिवार के लोगों के साथ धोखाधड़ी और गबन के मामले की जांच अब  सीआइडी (CID) करेगी. पूर्व अधिकारी के परिवार के सदस्यों के अकाउंट से 29.50 लाख रुपये गबन के मामले में डीजीपी नीरज सिन्हा (Neeraj Sinha) ने सीआइडी जांच का आदेश दिया है. शीतल उरांव की बहू एम तिर्की की शिकायत पर जुलाई 2021 में लालपुर थाने में केस दर्ज हुआ था. केस की जांच लालपुर थाना पुलिस कर रही थी. अब इस केस की जांच सीआइडी करेगी. 


ये है पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक, शीतल उरांव की पत्नी, बेटे और बहू सहित परिवार के अन्य सदस्यों के 9 आरडी अकाउंट मोरहाबादी उप डाकघर में थे. सभी पासबुक में लगातार उनके परिवार के सदस्यों की तरफ से रकम जमा की जाती थी. लेकिन, वर्ष 2021 में कोरोना काल के दौरान अप्रैल में शीतल उरांव के परिवार के 6 सदस्य कोरोना से संक्रमित हो गए. इस कारण पोस्ट ऑफिस जाकर रुपये जमा कराना संभव नहीं था. 


परिवार के सदस्यों ने लालपुर पोस्ट ऑफिस में आशीष कुमार सिन्हा से संपर्क किया. आशीष पासबुक लेकर पैसा जमा कराने को तैयार हो गया. इसके बाद उसे पैसा जमा कराने के लिए दिया गया. इसी दौरान आशीष कुमार सिन्हा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. जब शीतल उरांव के परिवार के सदस्य ठीक हुए, तब उन्होंने अपने पासबुक और उसमें जमा पैसे की जानकारी लेने के लिए आशीष कुमार के परिवार के सदस्यों से संपर्क किया.


सीआइडी करेगी जांच 
मृतक आशीष के परिजनों ने 9 पासबुक में से 4 पासबुक वापस किए. उसमें से सिर्फ 3 पासबुक में मार्च तक के ही रुपये जमा थे. शीतल उरांव के परिवार के सदस्यों को छानबीन के दौरान पता चला कि आशीष कुमार सिर्फ एजेंट था. इसके बाद उन्होंने डाकघर के अधिकारियों से संपर्क कर अपने अकाउंट के बारे में पूछा तो पता चला कि उनके खाते में 29.50 लाख रुपये जमा नहीं हुए हैं. इसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसकी जांच अब सीआइडी करेगी. 



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