Jharkhand News: झारखंड में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आवगमन हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही नई योजना शुरू करने जा रही है. दरअसल, सोरेन सरकार (Hemant Soren) ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर 'मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना' (Mukhyamantri Gram Gadi Yojana) का जल्द ही शुभारंभ करेगी. इस योजना के तहत ऐसे क्षेत्रों के लिए वाहन उपलब्ध होगी जहां से लोगों को वाहन नहीं मिलने पर कई किलोमीटर तक पैदल चलकर गाड़ियां पकड़नी पड़ती है. ऐसे में लोगों का समय भी बचेगा और साथ ही गाड़ी पकड़ने के लिए पैदल नहीं चलना पड़ेगा.


दरअसल, दुमका में परिवहन विभाग के डीटीओ पी बारला ने बताया कि पिछले 9 मई को परिवहन मंत्री ने राज्य के सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक रांची में की. बैठक में ऐसे क्षेत्रों का चयन किया गया जहां से लोग 20-25 किलोमीटर तक पैदल चल कर अपने गंतव्य के लिए यात्री वाहन पकड़ते है. इससे लोगों को घंटो पैदल चलकर कई परेशानियों से गुजर कर गाड़ी नहीं पकड़नी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि इसमें ज्यादार गरीब जनता है जो शहर या प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सुबह-सुबह घर से पैदल चलकर मुख्य सड़क पर पहुंचते हैं और वहां से यात्री वाहन पकड़ते है और फिर काम के बाद वापस देर रात घर लौटते है. 


सुदूर इलाकों के लिए मिलेगी बस परमिट
ऐसे लोगों को घर में ही वाहन मिल जाने से हो रही समस्याओं से निजात मिलेगी. इसके लिए विभाग जिले के बस मालिकों के साथ बैठक की है. बैठक में बस मालिकों ने अपनी समस्या रखी और उसके निदान के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी ने कई उपाय सुझाए. डीटीओ ने कहा कि जिलों के ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है जहां से लोग पैदल चल कर मुख्यालय के लिए वाहन पकड़ते है. इसके लिए वाहन मालिकों से पहले दौर की बातचीत की गई. इस बातचीत में वाहन मालिकों को उन इलाकों के रुट के लिए सुलभ बस परमिट देने की बात की गई, ताकि किसी भी समस्या से बची जा सके.


ग्रामीण जनता को मिलेगा सीधा लाभ
पी बारला ने कहा कि, मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना के तहत बस मालिकों के हित को भी देखा जायेगा, ताकि यात्रा में लगाये गये वाहनों को नुकसान से बचाया जा सके. साथ ही ज्यादा से ज्यादा आम ग्रामीण जनता को इसका सीधा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के मंत्री की राज्य स्तरीय बैठक के बाद पहली बैठक बस मालिकों के साथ जिले में की गई. पहली बैठक संतोष जनक रही और एक बैठक कर यात्रा के दिशा में सहमति बनाई जाएगी. आशा है कि दूसरी बैठक में योजना चालू करने की सहमति बन जाएगी और मुख्यालय से कटे यात्रियों को इस योजना का लाभ मिल जायेगा.




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