Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में सूखे-जैसी स्थिति से निपटने के लिए रविवार को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक के दौरान केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से यहां जारी बयान में यह जानकारी दी गयी. सीएमओ के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोरेन ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण राज्य हर तीन से चार साल में सूखे का सामना करता है.


क्या कहा गया है बयान में 
बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘‘इस साल, राज्य में अब तक 50 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें धान की बुवाई के लक्ष्य का 20 प्रतिशत से भी कम हासिल किया जा सका है. झारखंड सूखे की ओर अग्रसर है. मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि स्थिति से निपटने के लिए झारखंड के वास्ते एक विशेष पैकेज की मंजूरी दी जाए.’’ उन्होंने राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विकास के लिए भी पैकेज की मांग की.


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सीएम ने और क्या कहा
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में सिंचाई सुविधाओं की भारी कमी है. मौजूदा सुविधाएं केवल 20 प्रतिशत भूमि को कवर कर सकती हैं. पांच लाख हेक्टेयर खरीफ भूमि ‘ऊंचाई वाली’ श्रेणी में आती है. यदि ऐसे भूखंडों को सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाती है, तो फसलों का विविधीकरण किया जा सकता है.’’ उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा ने हाल में आदिवासी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के दरवाजे खोलने के वास्ते पंडित रघुनाथ मुर्मू आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि छात्रों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने के लिए राज्य में जल्द ही एक क्रेडिट कार्ड योजना लागू की जाएगी.


1.36 लाख करोड़ बकाया नहीं मिला-CM
मुख्यमंत्री ने झारखंड में खनन राजस्व में से अधिक हिस्सा मांगा है. सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य को अब तक खनन कंपनियों से 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया नहीं मिला है, जिसका उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जा सकता था.’’ सोरेन ने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में विस्तार के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना लागू की है. इस योजना के क्रियान्वयन से जहां राज्य के गरीब किसान परिवारों को आजीविका का स्थायी अवसर दिया जा रहा है, वहीं एक बड़े क्षेत्रफल में परती टांड भूमि का बेहतर प्रबंधन एवं उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है.


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