Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) पर कहा कि, मैं हमेशा महिलाओं के अधिकार के पक्ष में खड़ा रहता हूं. यह बिल आते ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. खासकर अपने नाम को लेकर, जबकि यह तो 'महिला आरक्षण बिल' है. सीएम ने कहा, आज महिलाएं समान भागीदार के रूप में खड़ी हो रही हैं. स्वाभाविक रूप से उन्हें अधिकार देने का दायित्त्व सरकार का है. मैं तो पक्ष में हूं कि महिलाओं को अधिकार मिले.


सोरेन ने कहा कि हमारे राज्य में त्रिस्तरीय व्यवस्था है, जिसमें हमने महिलाओं को 50% आरक्षण दिया है, लेकिन इससे अधिक महिलाएं चुनकर आती हैं. विधानसभा में भी झारखंड देश का तीसरा-चौथा राज्य है, जिसमें महिलाओं की सर्वाधिक भागीदारी है. राज्य सरकारें अपने स्तर पर काम कर रही हैं. देश स्तर में भी कुछ ऐसा होना चाहिए, जिसमें महिलाओं के लिए स्पष्टता से चीजें आनी चाहिए. ऐसी कोई चीज न लायें, जिसमें हिडेन एजेंडा है.


लोकसभा चुनाव के समय क्यों लाया गया ये बिल?


जब लोकसभा चुनाव नजदीक है, तब यह बिल लाया गया है. राज्य सरकार जब जनता को अधिकार देती है, तो कुछ लोग इसे रेवड़ियां बांटना कहते हैं. अब केंद्र सरकार के इस कदम को क्या कहा जाए? सीएम ने कहा कि महिलाओं के मुद्दे पर सभी लोगों को साथ लेकर एक समग्र विचार के साथ आगे बढ़ाना होगा, तभी यह सार्थक होगा. सीएम ने कहा कि आजादी के बाद से देश में कई कानून बने, कई नियम बने. मैं आदिवासी समुदाय से आता हूं. एसटी-एससी रिजर्वेशन की बात संविधान में है. आज आदिवासी दलित किन जगहों पर हैं, ये भी एक चर्चा का विषय होना चाहिए. 


ईडी के समन पर विधि विशेषज्ञों से ले रहे हैं राय


सीएम ने बताया कि वो दिल्ली में कुछ विधि विशेषज्ञों से भी राय ले रहे हैं. ईडी ने चौथा समन भेज कर उन्हें 23 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. सीएम ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 सितंबर को हुई सुनवाई में उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी. इसी दौरान ईडी की ओर से उन्हें चौथा समन भेज दिया गया. सीएम इस मुद्दे पर विधि विशेषज्ञों से मिल रहे हैं.



आप मुझे बड़ी सजा देते हैं... आज आप भटके हुए हैं.... तो आप इस कुर्सी पर बैठ जाइए... खरगे-धनखड़ की बहस में कूदे जयराम रमेश