Pankaj Mishra on ED Remand: अवैध माइनिंग (Illegal Mining) के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये की अनुमानित मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) को ईडी ने पूछताछ और आगे की जांच के लिए 6 दिनों की रिमांड पर लिया है. पंकज मिश्रा झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट में उनके प्रतिनिधि और झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के केंद्रीय सचिव भी हैं. माना जा रहा है कि ईडी अवैध माइनिंग के जरिए की गई उगाही में राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की संलिप्तता के बिंदुओं पर पंकज मिश्रा से पूछताछ करेगी. इससे कुछ राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की परेशानी भी बढ़ सकती है.


8 घंटे तक हुई पूछताछ
पंकज मिश्रा को रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में लगभग 8 घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार शाम गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें स्पेशल पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने 14 दिनों की रिमांड की दरख्वास्त की, लेकिन कोर्ट ने 6 दिनों की रिमांड मंजूर की.


लगभग 100 करोड़ की कमाई की गई
ईडी के मुताबिक अवैध माइनिंग के जरिए राज्य में लगभग 100 करोड़ की कमाई की गई है, इसके पहले राज्य के खूंटी जिले में मनरेगा घोटाले के जरिए मनी लांड्रिंग की जांच और आरोपियों से पूछताछ में ईडी ने पता लगाया है कि अवैध माइनिंग एवं अन्य तरीकों से अर्जित राशि में राजनेताओं और सीनियर ब्यूरोक्रेट्स का भी हिस्सा है. 


जुड़ती गईं कड़ियां
गौरतलब है कि, ईडी ने मई से लेकर अब तक मनरेगा घोटाला, साहिबगंज में टेंडर स्कैम और अवैध माइनिंग को लेकर 3 दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर कई बार छापेमारी की है. सबसे पहले झारखंड की खनन एवं उद्योग सचिव पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के सीए रहे सुमन कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों अब भी जेल में बंद हैं. इनसे हुई पूछताछ और जांच में अवैध माइनिंग के जरिए करोड़ों की उगाही के बारे में जानकारी मिली तो बीते 8 जुलाई को ईडी ने साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, बड़हरवा और मिर्जा चौकी में 19 ठिकानों पर छापामारी की थी. इन छापेमारियों के दौरान ईडी ने नगदी और 37 बैंक खातों में जमा रकम सहित लगभग 36 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. इन मामलों में सबसे प्रमुख तौर पर सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और दाहू यादव नाम के कारोबारी का नाम सामने आया है. ईडी ने दाहू यादव से भी लंबी पूछताछ की है. 


पंकज मिश्रा पर लगातार लगते रहे हैं आरोप 
पंकज मिश्रा पिछले ढाई वर्षों से कई आरोपों और विवादों से घिरे रहे हैं. साहिबगंज के बड़हरवा में एक सरकारी टेंडर मैनेज करने से जुड़े विवाद में उन पर शंभुनंदन भगत नाम के एक कांट्रैक्टर को धमकाने का मामला 2020 में ही दर्ज किया गया था. इस मामले में भी मनी लांड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद ईडी उनके खिलाफ जांच कर रही है. साहिबगंज में महिला थानेदार रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत के मामले में भी पंकज मिश्रा का नाम सामने आया था. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. साहिबगंज और राजमहल के इलाके में अवैध माइनिंग के मामलों में भी किंगपिन के तौर पर पंकज मिश्रा की भूमिका को लेकर पहले भी ईडी के पास शिकायतें पहुंची थीं. पूर्व में अनुरंजन अशोक नाम के एक व्यक्ति ने ईडी को लिखे पत्र में पंकज मिश्रा पर पत्थर और बालू के अवैध खनन और इसकी तस्करी से करोड़ों रुपए का कालाधन अर्जित करने का आरोप लगाया था. इसमें जमीन, क्रशर, फ्लैट और अन्य तरह के कारोबार में करोड़ों के अवैध निवेश करने की भी शिकायत की गई थी.


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