Jharkhand Pension Yojana: CM सोरेन का सभी जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन से जोड़ने का दिया आदेश, जानें बड़ी बात
Ranchi News: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि, राज्य में पेंशन से वंचित जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. उपायुक्त सुनिश्चित करें कोई जरूरतमंद पेंशन से वंचित ना रह जाए.
Jharkhand Government Sarvajan Pension Yojana: झारखंड सरकार आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए लगातार कार्य कर रही है. इसी क्रम में (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने एक बार फिर उपायुक्तों को राज्य के सभी जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन योजना (Pension Yojana) से जोड़ने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में कहा कि, ''राज्य में पेंशन से वंचित जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन से जोड़ने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है. लाखों लोगों को योजना से जोड़ा जा चुका है. सभी उपायुक्त कृपया सुनिश्चित करें कोई जरूरतमंद पेंशन से वंचित ना रह जाए.''
सीएम को मिली थी ये जानकारी
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य भर में 8 जून से सर्वजन पेंशन योजना से जरूरतमंदों को जोड़ने के लिए एक माह के विशेष अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री ने गुमला से की थी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि धनबाद तोपचांची प्रखंड के चिरुडीह गांव की सुनीता देवी के पति की मृत्यु लगभग 2 वर्ष पूर्व हो चुकी है लेकिन आज तक वो पेंशन से वंचित हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपायुक्त धनबाद को मामले की जांच करके सुनीता को मदद पहुंचाते हुए सूचित करने का आदेश दिया, साथ ही सभी उपायुक्तों को उक्त निर्देश दोबारा दिए.
राज्य में पेंशन से वंचित जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन से जोड़ने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। लाखों लोगों को योजना से जोड़ा जा चुका है। सभी उपायुक्त कृपया सुनिश्चित करें कोई जरूरतमंद वंचित न रह जाये।@dc_dhanbad कृपया मामले की जांच कर सुनीता जी को मदद पहुँचाते हुए सूचित करें। https://t.co/pByfpWD7Pq
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 15, 2022
सरकार ने शुरू किया है 'समर' नाम का विशेष अभियान
बता दें कि, झारखंड सरकार की तरफ से 5 जिलों लातेहार, पश्चिम सिंहभूम, चतरा, सिमडेगा और साहिबगंज में कुपोषण (Malnutrition) और एनीमिया के खिलाफ 'समर' नाम का एक हजार दिनों का विशेष अभियान भी शुरू किया गया है. इसके तहत डोर टू डोर सर्वे कर कुपोषित एवं एनीमिया से पीड़ित महिलाओं-बच्चों को चिन्हित कर उन्हें उचित पोषण एवं उपचार उपलब्ध कराया जाएगा. अभियान के बाद कुपोषण मुक्त होने वाली पंचायतों को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे.
कुपोषण और एनीमिया है गंभीर समस्या
गौरतलब है कि, कुपोषण और एनीमिया झारखंड की गंभीर समस्या है. करीब 2 माह पहले एनएफएचएस (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे)-5 के नतीजों के मुताबिक झारखंड में 6 महीने से लेकर 59 महीने (यानी पांच वर्ष से कम) तक की आयु वर्ग के 67 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं. इसी तरह राज्य की 65.3 प्रतिशत महिलाएं और 30 प्रतिशत पुरुष भी खून की कमी वाली इस बीमारी की चपेट में हैं.
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