New Year 2024: नए साल के पहले दिन सरायकेला पहुंचे सीएम हेमंत सोरेने, गोलीकांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
Jharkhand Politics News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को सरायकेला का दौरा किया. सीएम हेमंत सोरेन जेएमएम के विधायकों के साथ यहां पहुंचे थे. उन्होंने यहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
Saraikela News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने साल के पहले दिन सरायकेला (Saraikela) का दौरा किया और यहां शहीदों की बेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उनके साथ कोल्हान क्षेत्र के विधायक भी मौजूद थे. हेमंत सोरेन ने इस दौरान कहा है कि शहीद स्थल अब से प्रेरणा स्थल होगा. उन्होंने पहले की सरकारों पर शहीदों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया. सोरेन ने कहा कि ऐतिहासिक स्थल खरसावां में मौजूद है. इस भूमि से चुनकर यहां के सांसद अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) अब केंद्रीय कृषि मंत्री बन गए हैं और उन्होंने आज चंद किलोमीटर की दूरी पर मेला का आयोजन किया है जो की कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
उधर, झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और रांची के सांसद संजय सेठ शहीदों की बेदी पर पहुंचे. उन्होंने यहां श्रद्धांजलि दी. अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. आज हमें शपथ लेना चाहिए कि बिना भेदभाव के सभी को झारखंड को आगे बढ़ाना है.
1 जनवरी 1948 को हुई थी यह घटना
बताया जाता है कि 15 अगस्त 1947 के महज़ 5 महीने के बाद सन 1948 की पहली तारीख को हजारों आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी. इस ऐतिहासिक घटना को आज़ाद भारत का पहला सबसे बड़ा गोलीकांड माना जाता है. इस घटना में कितने लोग मारे गए इस पर अलग-अलग दावे हैं और इन दावों में भारी अंतर है. दरअसल, खरसावां का ओडिशा विलय का विरोध कर रहे तीस हजार आदिवासियों पर पुलिस ने फायरिंग की. इस गोलीकांड की जांच के लिए ट्रिब्यूनल का भी गठन किया गया था.
हाट बाजार के लिए जुटे थे लोग, जिनपर चली थी गोलियां
गोलीकांड के दिन गुरुवार और बाजार-हाट का दिन था. सरायकेला और खरसावां स्टेट को उड़िया भाषी होने के नाम पर ओडिशा अपने साथ मिलाना चाहता था और यहां के राजा भी इसे लेकर तैयार थे. लेकिन इलाके की आदिवासी जनता न तो ओडिशा में मिलना चाहती थी और न बिहार में. उसकी मांग अलग झारखंड राज्य की थी. झगड़ा इसी बात को लेकर था. ऐसे में पूरे कोल्हान इलाके से बूढ़े, जवान, बच्चे, सभी एक जनवरी को हाट-बाज़ार में खरीदारी करने और जयपाल सिंह मुंडा को सुनने-देखने भी गए थे. जयपाल सिंह अलग झारखंड राज्य का नारा लगा रहे थे. जयपाल सिंह मुंडा के आने के पहले ही भारी भीड़ जमा हो गई थी और पुलिस ने एक लकीर खींच कर उसे पार नहीं करने को कहा था. नारेबाजी के बीच लोग समझ नहीं पाए और अचानक गोली की आवाज़ आई. बड़ी संख्या में लोग मारे गए.
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