President Jharkhand Visit: द्रौपदी मुर्मू के झारखंडी कनेक्शन को लेकर बोले CM सोरेन, कहा- 'राष्ट्रपति हमारे लिए हमेशा...'
Jharkhand: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि, मैं भले ही ओडिशा की हूं, लेकिन मेरे अंदर खून झारखंड का है. जोबा मांझी जिस घर में बहू बनकर गई, उसी घर से मेरी दादी रही है, इसे लेकर भी मैं खुश हूं.
President Murmu In Jharkhand: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने खूंटी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के भाषण के बाद ट्वीट कर कहा कि, 'माननीय राष्ट्रपति महोदया जी के अभिन्दन हेतु मेरे पास शब्द भी कम पड़ रहे हैं. आज ही इन्होंने खूंटी में कहा मैं आती जरुर ओडिशा से हूं मगर मेरे शरीर में खून झारखण्ड का बहता है. आप आंदाजा लगा सकते हैं इसके आगे झारखण्ड के लोग और क्या कह सकते हैं. हम लोगों के लिए यह काफी गौरव की बात है कि झारखण्ड से निकलकर देश के सर्वोच्च स्थान को आदरणीय द्रौपदी मुर्मु जी सुशोभित कर रही हैं. माननीय राष्ट्रपति महोदया हमारे लिए हमेशा मार्गदर्शक और प्रेरणादायक के रूप में रहेंगी.'
बता दें कि, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिला स्वंय सहायता सम्मेलन में कहा था कि मैं भी आदिवासी हूं. झारखंड के अलग राज्य होने का 22 साल हो गया. मैं खुश हूं कि आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा है. मंत्री भी खूंटी के एक विधानसभा क्षेत्र से हैं और महिला समूह के मंत्री हैं. साथ ही महिलाओं की बेहतरी की दिशा में काम रहे हैं. उन्होंने कहा मैं भले ही ओडिशा की हूं, लेकिन मेरे अंदर खून झारखंड का है. जोबा मांझी जिस घर में बहू बनकर गई, उसकी घर से मेरी दादी रही है, इसे लेकर भी मैं खुश हूं. मुझे बहुत गर्व हैं.
माननीय राष्ट्रपति महोदया जी के अभिन्दन हेतु मेरे पास शब्द भी कम पड़ रहे हैं। आज ही इन्होंने खूँटी में कहा मैं आती जरुर ओडिशा से हूँ मगर मेरे शरीर में खून झारखण्ड का बहता है। आप आंदाजा लगा सकते हैं इसके आगे झारखण्ड के लोग और क्या कह सकते हैं।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 25, 2023
हम लोगों के लिए यह काफी गौरव की बात है… pic.twitter.com/H1xDyeNpZO
सीएम ने आदिवासी समुदाय के लिए कही ये बात
वहीं इससे पहले बिरसा मुंडा कॉलेज में आयोजित महिला स्वंय सहायता सम्मेलन में हेमंत सोरेन ने 25 हजार महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि, आदिवासियों को स्वावलंबी बनाने के लिए उनकी आय के स्रोतों को बढ़ाने पर केंद्र और राज्य सरकार मिल कर चिंतन-मंथन करते हैं, लेकिन उस मंथन के परिणाम को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है. आज आदिवासी समुदाय कई चुनौतियों से संघर्ष कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, जल, जंगल, जमीन की हमारी पहचान अब कोयला, तांबा, अबरख, यूरेनियम से बदल गयी है. हमारी खनिज संपदा से पूरा देश रोशन हो रहा है. लेकिन, आदिवासी समुदाय के लोग आज भी विस्थापन का दंश झेल रहे हैं.
वह दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय की महिला देश के सर्वोच्च पद पर बैठी हैं. वह झारखंड में राज्यपाल के रूप में भी रही हैं. वह आदिवासी समुदाय के लिए जीवन-मरण की मांगों को केंद्र से स्वीकृति दिलाने में मदद करें. राज्य सरकार ने केंद्र से सरना धर्म कोड की मांग की है.