Jharkhand News: झारखंड के रांची (Ranchi) में हुए जमीन घोटाले के केस में ईडी के समन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सोमवार को जांच एजेंसी में के दफ्तर नहीं पहुंचे. हेमंत को दिन के 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचना था, लेकिन उन्होंने उपस्थित होने के बजाय एक पत्र भेजा. इसमें हेमंत ने ईडी को समन वापस लेने को कहा है. उन्होंने पत्र में लिखा है समन वापस नहीं लिया गया तो वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. सीएम ने आरोप लगाया कि ईडी ने राजनीति से प्रेरित होकर समन भेजा है.


सीएम सोरेन ने समन को ठहराया गलत


बता दें कि ईडी ने हेमंत को 8 अगस्त को समन जारी किया था. हेमंत ने ईडी के सहायक निदेशक को भेजे पत्र में समन को गलत ठहराया है. पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री ने लोकपाल, सीबीआई और ईडी को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज और जानकारी दे दी है. ईडी चाहे तो वह इन एजेंसियों से दस्तावेज ले सकती है. दोबारा या अन्य जानकारी मांगने पर वह उपलब्ध करा सकते हैं. पत्र में कहा गया है कि उनके स्वामित्व व कब्जे वाली संपत्तियों और इसके स्त्रोतों के बारे में बयान दर्ज करने के लिए ईडी ने उन्हें समन किया.


14 अगस्त को जानबूझ कर बुलाया
ईडी व उनके राजनीतिक आका जानते हैं कि सीएम होने के नाते वह 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले हैं, जिसकी तैयारी एक हफ्ते पहले से शुरू हो जाती है. कई बैठकें होती है. 14 अगस्त इसके लिए महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन जानबूझकर बुलाया हमें गया. यह सीएम, सरकार व झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का हिस्सा है. पत्र के अनुसार 2020 में लोकपाल ने उनके पिता शिबू सोरेन के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दायर एक शिकायत पर सीबीआई जांच का निर्देश दिया था. सीबीआई ने उनके स्वामित्व वाली संपत्तियों की जांच की है. यदि ईडी ने पहले से ऐसा नहीं किया है तो उनकी अचल संपत्ति पर सीबीआई से रिपोर्ट ले सकती है.


केंद्र का साथ न देने वाले दलों पर निशाना
पत्र के अनुसार केंद्रीय एजेंसियां पिछले एक साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री को केवल इसलिए निशाना बना रही हैं, क्योंकि वह उस दल के साथ नहीं है जो केंद्र की सत्ता में है. ईडी ने उन्हें कथित अवैध खनन से जोड़ने के लिए 17 नवंबर 2022 को तलब किया था. सीएम ने ईडी की मांग पर उनके और उनके परिवार के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों का विवरण 30 नवंबर 2022 को ही दे दिया है. अगर यह खो गया है तो दोबारा मांगे जाने पर दे देंगे. सीएम की ओर से भेजे गए पत्र के अनुसार समन दुर्भावना से प्रेरित है और सरकार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है. 



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