Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है. पत्र में सीएम सोरेन ने प्रधानमंत्री से आदिवासियों के सरना धर्म कोड की मांग पर जल्द और साकारात्मक फैसला लेने का आग्रह किया है. सीएम हेमंत सोरेन ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल 'X' पर ट्वीट कर कहा कि, देश का आदिवासी समुदाय पिछले कई सालों से अपने धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिए जनगणना कोड में प्रकृति पूजक आदिवासी/सरना धर्मावलंबियों को शामिल करने की मांग को लेकर संघर्षरत है.'


'पीएम जरूर करेंगे मदद'


सीएम सोरेन ने आगे कहा कि, 'मैंने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से देश के करोड़ों आदिवासियों के हित में आदिवासी/सरना धर्म कोड की चिरप्रतीक्षित मांग पर यथाशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा करने का आग्रह किया है. मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर रहते हैं, उसी प्रकार इस देश के आदिवासी समुदाय के समेकित विकास के लिए पृथक आदिवासी/सरना धर्मकोड का प्रावधान सुनिश्चित करने की कृपा करेंगे. जोहार!'






सीएम ने बताया ये जरूरी क्यों है?
पीएम को लिखे पत्र में सोरेन ने कहा कि, 'आठ दशकों से झारखंड के आदिवासियों की जनसंख्या के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि इनकी जनसंख्या का प्रतिशत झारखंड में 38 से घटकर 26 प्रतिशत ही रह गई है. इनकी जनसंख्या के प्रतिशत में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. जिसके फलस्वरूप संविधान की पांचवी एवं छठी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी विकास की नीतियों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.'


'सरना या प्रकृति पूजक आदिवासियों की पहचान के लिए और उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए अलग आदिवासी/सरना कोड अत्यावश्यक है. अगर यह कोड मिल जाता है तो इनकी जनसंख्या का स्पष्ट आकलन हो सकेगा और हम आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण एवं संवर्धन हो पाएगा. साथ ही हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जा सकेगी.'



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