Jharkhand News: झारखंड के धनबाद जिले (Dhanbad) के कोल माफिया सूर्य देव सिंह के बेटे और झारिया के पूर्व विधायक संजीव सिंद ने कोर्ट में आवेदन देकर इच्छा मृत्यु मांगी है. दरअसल, संजीव सिंह अपने चचेरे भाई और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले के मामले में जेल में बंद हैं. वहीं 11 जुलाई से एसएनएमएमसीएच में संजीव सिंह का इलाज चल रहा है. इलाज से असंतुष्ट संजीव सिंह ने पहले भी अर्जी दाखिल कर अपने खर्च पर निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति मांगी थी. इजाजत नहीं मिलने पर संजीव सिंह की ओर से मंगलवार जिला एवं सत्र न्यायालय 16 अखिलेश कुमार की अदालत में इच्छा मृत्यु संबंधी याचिका दाखिल की.


वहीं संजीव सिंह के वकील मोहम्मद जावेद ने अदालत को बताया कि, विचाराधीन बंदी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता है. संजीव का कहना है कि, गरिमा के साथ मरने का उनका मौलिक अधिकार है. उन्होंने 2018 के सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीश की खंडपीठ द्वारा पारित निर्णय कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि, गरिमा के साथ जीवित रहना और गरिमा के साथ मरना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मनुष्य का मौलिक अधिकार है. मोहम्मद जावेद ने कहा है कि, संजीव सिंह इलाज के अभाव में एसएनएमएमसीएच में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मानवता मर गयी है. कोर्ट में राज्य सरकार इनके इलाज का विरोध कर रही है. सरकारी अस्पताल में बेड पर इलाज के अभाव में तड़प कर मरने से अच्छा है कि गरिमा के साथ मरें.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, झारिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अप्रैल 2017 से धनबाद जेल में बंद हैं. 11 जुलाई 2023 को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें धनबाद मंडल कारा से एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था. एसएनएमएमसीएच के सीसीयू में भर्ती संजीव सिंह की हालत स्थिर बनी हुई थी. अदालत ने उनके इलाज के लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद उन्हें रिम्स भेजने की सलाह दी है. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आलोक में कोर्ट ने उन्हें रिम्स भेजने का निर्देश दिया है. धनबाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस संजीव को लेने अस्पताल पहुंची, लेकिन संजीव ने रांची रिम्स जाने से इनकार कर दिया.


ये भी पढ़ें- Jharkhand Road Accident: झारखंड के लातेहार में बस और ट्रेलर में भीषण टक्कर, 13 घायल, दो की हालत गंभीर