Jharkhand Politics: झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक विधानसभा में पास, सामने आया CM हेमंत सोरेन का पहला बयान
Jharkhand Competitive Examination Bill: CM सोरेन ने कहा बीजेपी ने राज्य में 20 साल तक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.यह विधेयक छात्रों के हित में है. बिल को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है.
Jharkhand News: झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती, अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेषक 2023 दो संशोधनों के साथ झारखंड विधानसभा से गुरुवार को पास हो गया. विपक्ष के जोरदार हंगामे, विधेयक के कई बिन्दुओं पर विरोध और सदन के बहिष्कार के बीच विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. सदन में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी विधायकों ने विधेयक की प्रति फाड़कर उड़ाई और सरकार के बिल का विरोध किया. बीजेपी विधायकों ने इसे काला कानून बताया. वहीं विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के छह विधायकों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी ने राज्य में 20 साल तक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. विधेयक के औचित्य पर सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विधेयक छात्रों के हित में है. बिल को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है. इसे हड़बड़ी में नहीं बनाया गया है. चिंतन और मंथन कर बनाया गया है. सरकार नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प ले रही है. हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए और पारदर्शिता से हर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए, ताकि राज्य के नौजवानों का भविष्य बेहतर हो सके.
#WATCH | Jharkhand CM Hemant Soren says, "...We want students to not face crisis like earlier. That is the motive of the Government...We are looking for solutions to their problems." https://t.co/rcuwzgkOuL pic.twitter.com/enP659BB1h
— ANI (@ANI) August 3, 2023
सीएम सोरेन ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छात्र कदाचार करता है तो लाखों नौजवान प्रभावित होते हैं. जहां भी जिस स्तर पर कदाचार होगा, कार्रवाई होगी. कदाचार प्रश्नपत्र लीक किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष के साथी विधेयक पर जो भय और डर के सवाल खड़े कर रहे हैं, यही सोच सरकार की भी है. इस विधेयक का भय और डर संस्थाओं पर भी हो और छात्रों पर भी हो जो प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होते हैं. एक-दो और तीन-चार ही नहीं पांच-छह गिरफ्तार होंगे और अगर पूरे क्लास में इस तरह से हो रहा है तो यह गड़बड़ बात होगी. एक के चक्कर में लाखों छात्र क्यों संकट झेलें.
- नकल करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर तीन साल की जगह एक वर्ष की सजा, पांच लाख जुर्माना है
- नकल करते हुए दूसरी बार पकड़े जाने पर सात वर्ष की जगह तीन वर्ष की सज़ा, 10 लाख जुर्माना है.
- व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन के लिए अनुबंधित या प्रबंध तंत्र से षड़यंत्र करने पर 10 साल सजा, 10 करोड़ का जुर्माना है.
- परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र लूटने, चोरी करने या ओएमआर शीट नष्ट करने पर 10 साल सजा, दो करोड़ रुपए जुर्माना है.
- संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ षड़यंत्र करने पर दस साल सजा, 10 करोड़ रुपए जुर्माना है.