Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति में इन दिनों उथल पुथल मची हुई है. दरअसल कांग्रेस नेताओं की तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए जो बयानबाजी की जा रही है वह कहीं न कहीं स्थिति की गंभीरता बयां कर रही है. दरअसल पार्टी के प्रभारी ने जाकर खुद मुख्यमंत्री से मिलकर मांग की थी कि गठबंधन की सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन हो जो कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय करें. हालांकि मुख्यमंत्री ने इसे तवज्जो नहीं दिया, हालांकि झामुमो और कांग्रेस अपने अपने दल के अंदर कलह से परेशान हैं. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार अपने पांच साल पूरे कर पाएगी या नहीं.


वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र में कहा है कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है. इधर कांग्रेस मुख्यमंत्री से इस बात को लेकर नाराज है कि झामुमो सिर्फ अपने मन का कर रही है. जेएमएम को कांग्रेस ने को-ऑर्डिनेशन के लिए कहा था मगर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
  
स्वास्थ्य मंत्री ने की सीएम की आलोचना
जहां एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता स्थानीय भाषा नीति को लेकर सीएम हेमंत सोरेन को घेरने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही विधायक लोबिन हेंब्रम के भी बगावती सुर उठने लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के कोटे से कैबिनेट मंत्री बनाए गए बन्ना गुप्ता के बयान से सरकार खुद को असहज महसूस कर रही है. कांग्रेस आलाकमान ना तो बन्ना गुप्ता को चुप करा पा रहा है और ना ही उनके सवालों का जवाब ही दे पा रहा है. बन्ना गुप्ता ने सरकार को चुनौती दी है कि वह हिंद और हिंदी से कोई समझौता नहीं करेंगे अगर उनकी बात नही मानी गई तो वे इस्तीफा देने में तनिक भी देर नही करेंगे.


दरअसल बन्ना गुप्ता की मांग है कि स्थानीय भाषा के तहत हिंदी भाषा को स्थान मिलना चाहिए. उनका कहना है कि वे जिस इलाके से विधायक हैं वहां की जनता हेमंत सोरेन की नीतियों से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए यहां तक कह डाला था की जिस नांव का खवाईया नाव डुबोना चाहे तो क्या क्या किया जा सकता है.


JMM विधायक ने भी उठाए सवाल 
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. लोबिन हेंब्रम ने सरकार की शराब नीति पर खुलकर सवाल उठाए थे. उनका कहना है जिस तरह से हेमंत सरकार झारखंड में शराब बेच रही है, उसका वे खंडन करते हैं. उन्होंने कहा जिस तरह गुरुजी शिबू सोरेन ने उम्रभर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ी हेमंत उनका अनुपालन नहीं कर रहें. उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सरकार को भी उनके पिता शिबू सोरेन से सीख लेनी चाहिए और झारखंड में बिहार के तर्ज पर शराबबंदी करनी चाहिए.


वहीं दूसरी ओर लोबिन हेंब्रम झारखंड में स्थानीय नीति पर जमकर हंगामा कर रहे हैं. उनका मानना है की 1932 के खतियान के अनुसार ही झारखंड में स्थानीय नीति लागू हो मगर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक टूक कह दिया की 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लागू नहीं की जा सकती. जिस पर लोबिन हेंब्रम मुख्यमंत्री से नाराज दिख रहे हैं और खुलकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं


सीएम सोरेन पर भाभी ने भी उठाए सवाल 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी यानी जामा विधायक सीता सोरेन ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं उन्होंने राज्य में हो रहे बालू ,पत्थर ,कोयला खदान के लूट का जिम्मेवार हेमंत सोरेन को ठहराया है उन्होंने साफ कहा कि उनके पति और ससुर शिबू सोरेन ने जिस उद्देश्य के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा का निर्माण किया था आज हेमंत सरकार उसके विपरीत जाकर जल, जंगल, जमीन का अपमान कर रही है. आज हेमंत सरकार राज्य में विकास का मुद्दा छोड़ लूट की नीति अपनाई हुई है.


ये भी पढ़ें


Jharkhand Politics: झारखंड में अपनी ही सरकार के विरोध में JMM विधायक ने खोला मोर्चा, सवालों के घेरे में सीएम हेमंत सोरेन


Khunti News: झारखंड के खूंटी में किसान के घर 'पार्सल' से पहुंचा बम फटा, दो लोग गंभीर रूप से घायल