Jharkhand Corona Update : नहीं थम रही है कोरोना की रफ्तार, सामने आए 3704 नए केस, हेमंत सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
Jharkhand Coronavirus: झारखंड में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 24 घंटों में राज्य में 3704 नए मरीजों की पुष्टि हुई है. इस दौरान 4 मरीजों की मौत भी हुई है.
Coronavirus Cases in Jharkhand: झारखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के 3704 नए मामले आए हैं जबकि चार संक्रमित मरीजों की मौत (Death) हुई है. जिनोम सिक्वेंसिंग की एक भी मशीन नहीं होने से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इनमें वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) के कितने मामले हैं. राज्य ने केंद्र से इस सबंध में मदद मांगी है. झारखंड (Jharkhand) के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गुरुवार रात को जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में आए 3704 नए मामलों में 1309 संक्रमित अकेले राजधानी रांची से हैं जबकि जमशेदपुर में 722 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इसके अलावा बोकारो में 229, धनबाद में 166 और देवघर में 172 मामले आए हैं. विभाग ने बताया कि इस समय राज्य में कुल एक्टिव केस 14,255 हैं जबकि पिछले 24 घंटों में 435 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं.
4 मरीजों की हुई मौत
राज्य में गत 24 घंटे के दौरान 4 मरीजों की मौत हुई है जिनमें 2 जमशेदपुर के और धनबाद एवं रांची का एक-एक मरीज शामिल है. इसके साथ ही राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,153 हो गई है. कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए जमशेदपुर में प्रसाशन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. प्रशासन ने लोगों से सावधान रहने और संक्रमण की रोकथाम के लिए सहयोग की अपील की है.
राज्य सरकार ने मांगी है केंद्र से मदद
बता दें कि, झारखंड को अब तक जिनोम सिक्वेंसिंग की एक भी मशीन नहीं है जिसके चलते यहां 8 दिसंबर के बाद से कोरोना संक्रमित हुए किसी भी व्यक्ति की जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट नहीं मिली है, इसकी वजह से राज्य में ओमीक्रोन के प्रभाव का आकलन नहीं हो पा रहा है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से यहां के संदिग्ध मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग तेज गति से करवाने में मदद का अनुरोध किया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि झारखंड के संदिग्ध मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए किसी ऐसे संस्थान को अधिकृत किया जाए जिससे रिपोर्ट जल्द मिल सके. राज्य ने इसके लिए राज्य के कोविड के मामलों की जांच एम्स भुवनेश्वर, एनआईबीएम अथवा कल्याणी से करवाने का अनुरोध किया है.
राज्य में नहीं है ओमीक्रोन जांच की व्यवस्था
वर्तमान में राज्य के ओमीक्रोन के संदिग्ध मामलों की जांच इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफसाइंस, भुवनेश्वर से होती है जहां से राज्य को 40 से 45 दिनों में रिपोर्ट प्राप्त होती है. राज्य को भुवनेश्वर स्थित आईएलएस से जिनोम सिक्वेंसिंग की अंतिम रिपोर्ट 8 दिसंबर के नमूने की मिली थी. इसके बाद राज्य से जांच के लिए भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने एक समीक्षा बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से राज्य को इस मोर्चे पर मदद करने का आग्रह किया था.
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