Jharkhand: निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र की बढ़ी मुश्किलें, अब पत्नी-पिता व चचेरे भाई के खिलाफ चलेगा मुकदमा
Ranchi: वीरेंद्र ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधि में सीधे तौर पर शामिल है.
Jharkhand News: झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की अवैध कमायी और करतूतों का ईडी (ED) ने पर्दाफाश किया था. वहीं अब ईडी ने निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के साथ उसकी पत्नी , पिता व चचेरे भाई के खिलाफ मुकदमा चलेगा. दरअसल, ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. अदालत ने वीरेंद्र के साथ उसकी पत्नी राज कुमारी देवी, पिता गेंदा राम चचेरे भाई आलोक रंजन पर संज्ञान लिया है. अदालत ने चारों आरोपियों के खिलाफ समन भी जारी किया है. पक्ष रखने के लिए 12 मई निर्धारित किया गया
वीरेंद्र ने अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य के साथ मिलकर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधि में सीधे तौर पर शामिल है. ईडी ने अब तक करीब 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. हालांकि, इस संपत्ति का बाजार मूल्य काफी ज्यादा है. ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में 22 फरवरी को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था. बता दें कि, वीरेंद्र ने कबूला था कि 2015 में दो कंपनियों को 62 करोड़ के 22 टेंडर दिए थे. बदले मे 1.88 करोड़ कमीशन लिया था. वहीं रॉयल इंजीनियरिंग वर्क्स को 1.78 करोड़ का टेंडर देकर 14 लाख लिए.
पिता के नाम पर किया बड़ा लेन देन
कमीशन की राशि 50 लाख रुपये जमा होते ही ट्रेन से दिल्ली चला जाता था. इसके लिए ट्रेवल एजेंट अनीश को 14 लाख का भुगतान किया था. बेटे को विदेश में पढ़ाने पर भी 1.25 करोड़ रुपये खर्च किया था. वहीं वीरेंद्र के पिता गेंदा राम के खाते से भी इंडी को. 4.48 करोड़ रुपये के लेनदेन के डिटेल्स मिले थे. एक बार 2.17 करोड़ और 1.87 करोड़ रुपये की बड़ी राशि के ट्रांजेक्शन का मामला सामने आया है. इन पैसों का इस्तेमाल दिल्ली में प्रॉपर्टी की खरीद के लिए किया गया. दिल्ली के सतवारी, छतरपुर में पिता के नाम पर एक फॉर्म हाउस भी खरीदा गया था, जिसे ईडी ने जब्त कर लिया था.