Tabrez Ansari Lynching Case: तबरेज अंसारी लिंचिंग मामले में 4 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 10 लोग दोषी करार
Jharkhand: 17 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी, जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था. इसके बाद दो दिन बाद उसकी मौत हो गई थी.
Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले की एक स्थानीय अदालत ने 2019 में भीड़ द्वारा तबरेल अंसारी की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में मंगलवार को 10 लोगों को दोषी करार दिया. लोक अभियोजक अशोक कुमार राय ने बताया कि, इन्हें सजा पांच जुलाई को सुनायी जाएगी. उन्होंने बताया कि आरोपियों में से एक कुशाल महाली की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है. जबकि दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.
वहीं अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-प्रथम अमित शेखर की अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद दोषियों भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, महेश महाली को तत्काल हिरासत में ले लिया गया. मामले में मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल पहले से ही न्यायिक हिरासत में है.
2019 में भीड़ ने की थी पिटाई
17 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था.17 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था. जहां से उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जहां तबियत बिगड़ने पर 21 जून को तबरेज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी क्रम में 22 जून 2019 को इलाज के दौरान तबरेज की मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी पप्पु मंडल को छोड़ सभी 12 आरोपी जमानत पर थे.
बचाव पक्ष ने दी यह दलील
उधर, बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है. तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी. इसे दुष्प्रचारित किया गया है. राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा.