Dhanbad News: धनबाद में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर सड़कों पर लूटते थे गाड़ियां, पुलिस ने 7 आरोपियों को ऐसे किया गिरफ्तार
Dhanbad: पुलिस ने बताया कि सभी अपराधी पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहने वाले है. दरअसल, धनबाद पश्चिम बंगाल कि सीमा से लगा हुआ है ऐसे में अपराधी घटना को अंजाम देकर कुछ ही मिनटों में बंगाल चले जाते थे.
Jharkhand News: झारखंड के धनबाद (Dhanbad) जिले में अपराधी बैखौफ अपराध को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. धनबाद के निरसा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस लिखी दो गाड़ियां किसी बड़े वाहन को रोककर उसमें लूटपाट की कोशिश की. निरसा के गोपालगंज के पास निरसा पुलिस को जैसे ही संदेह हुआ तो वो उनसे पूछताछ करने लगी. इस दौरान निरसा थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और सभी लोगों की जांच की गई, तो अपराधियों के पास से दो पिस्टल और कई मोबाइल फोन सहित आईबी अधिकारी के फर्जी आईकार्ड बरामद किए गए. दो गाड़ियों पर सात लोग सवार थे जिन्ंहे गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया.
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर अमर कुमार पांडेय ने बताया कि बीती रात दो कार सवार सात अपराधी ट्रक को ओवरटेक कर लूटपाट की कोशिश कर रहे थे, तभी पुलिस को जानकारी हुई और तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी अपराधियों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार सभी अपराधी शातिर और वांटेड हैं. पूछताछ के दौरान सभी ने बताया कि वे लोग पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहने वाले हैं और लूटपाट के कई मामलों में शामिल हैं. डीएसपी ने बताया कि बिहार नंबर के ट्रक को रोक कर उसके ड्राइवर से लूटपाट की जा रही थी. अपराधियों ने ट्रक ड्राइवर से चार हजार रुपये और ट्रक के सभी कागजात लूटे थे, जो अपराधियों की गिरफ्तारी के समय बरामद किए गए.
पुलिस ने बरामद किया ये सामान
पुलिस ने बताया कि, अपराधियों के पास से दो पिस्टल, दस मोबाइल फोन, दो चार पहिया वाहन, आईबी ऑफिसर के फर्जी आईडीकार्ड और लूटे गए चार हजार रुपये बरामद किए गए हैं. डीएसपी अमर कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों वाहनों पर पुलिस का बोर्ड लगा हुआ था, जिसका उपयोग ये अपराधी आए दिन लूटपाट की घटना को अंजाम देने में करते थे. निरसा थाना प्रभारी दिलीप यादव ने बताया कि सभी अपराधी पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहने वाले है. दरअसल, धनबाद पश्चिम बंगाल कि सीमा से लगा हुआ है ऐसे में अपराधियों के लिए यह सेफ जगह बनी हुई थी. ये अपराधी झारखंड में अपराध को अंजाम देकर कुछ ही मिनटों में बंगाल चले जाते थे. ऐसे में इन्हें पकड़ना आसान नहीं था. फिलहाल इन शातिर बदमाशों की गिरफ्तारी से सड़कों पर होने वाले अपराध पर कुछ हद तक लगाम जरूर लगने की उम्मीद की जा सकती है.