(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand Naxalite: सरायकेला में CRPF के जवानों ने नक्सली को किया गिरफ्तार, हथियार बरामद
Saraikela News: झारखंड (Jharkhand) के सरायकेला में सीआरपीएफ (CRPF) ने भाकपा माओवादी संगठन के एक नक्सली (Naxalite) को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली का नाम सलेम मुंडा उर्फ डिंबा है.
Jharkhand Saraikela Naxalite Arrested: सरायकेला (Saraikela) जिले के कुचाई प्रखंड अंतर्गत सीमावर्ती जोबरो क्षेत्र से केंद्रीय सुरक्षाबल के जवानों ने भाकपा माओवादी संगठन के एक नक्सली (Naxalite) सलेम मुंडा उर्फ डिंबा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली की निशानदेही पर एक पिस्टल, नक्सली बैनर, नक्सली वर्दी समेत कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं. गुप्त सूचना के आधार पर सीआरपीएफ (CRPF) की तरफ से कुचाई के जोंबरो और आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. इस दौरान नक्सली सलेम मुंडा उर्फ डिंबा को रेलुंग गांव के पास से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार नक्सली सलेम मुंडा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
क्या कहते हैं आंकड़े
बता दें कि, झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल एक्शन मोड में हैं. जनवरी 2020 से लेकर पिछले महीने तक कुल 27 नक्सली मारे जा चुके हैं और 1,131 अन्य गिरफ्तार हुए हैं. जनवरी 2020 से अगस्त 2022 के बीच नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच कुल 108 मुठभेड़ हुईं और इस अवधि में 45 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.
आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े तार
हाल ही में ये भी सामने आया था कि, झारखंड के माओवादी नक्सलियों के कनेक्शन आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हैं. इससे जुड़ी पुख्ता सूचनाओं और सबूतों के आधार पर एनआईए (NIA) ने जांच शुरू की है. इस मामले में इसी साल फरवरी महीने में गिरफ्तार किए गए 4 माओवादी नक्सलियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. झारखंड के लातेहार-लोहरदगा के जंगलों में सुरक्षाबलों और पुलिस ने नक्सलियों ने खिलाफ इस साल फरवरी से लेकर जून तक ऑपरेशन 'डबल बुल' चलाया था. इस दौरान 10 लाख रुपये का इनामी एक जोनल कमांडर, 3 सब जोनल कमांडर, एक एरिया कमांडर और 6 माओवादियों के सक्रिय सदस्य गिरफ्तार किए गए थे. नक्सलियों के पास से 28 आधुनिक हथियार बरामद किए गए थे. इनमें कई हथियार ऐसे हैं, जो सिर्फ सेना के पास होते हैं. इसकी जानकारी मिलने पर एनआईए ने इस मामले को टेकअप किया था. शुरूआती जांच में ही पता चल गया था कि ऐसे अधिकतर हथियार आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के माध्यम से नक्सलियों को मुहैया कराए गए थे.
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