Jharkhand Minor Girl Begging Case: झारखंड (Jharkhand) के दुमका (Dumka) स्थित बाल कल्याण समिति ने एक बालिका से भीख (Begging) मंगवाने के मामले में मां (Mother) और मामा को फटकार लगाई है. बाल कल्याण समिति की ओर से कहा गया है कि, भविष्य में ऐसा दोबारा करने पर 5 साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है. दरअसल, सीआईएसएस के रूप में चिन्हित बालिका से भिक्षाटन करवाने का मामला सामने आने पर बाल कल्याण समिति (CWC) के निर्देश पर चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर इब्नूल ने मसलिया पुलिस के सहयोग से सोमवार को 12 वर्षीय बालिका, उसकी मां और मामा को बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित किया था. चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बालिका के मामा एवं मां का बयान लिया और बालिका से बातचीत की. मां और मामा ने अपने बयान में कहा कि भविष्य में दोबारा वो ऐसी गलती नहीं करेंगे. वो बालिका को पढ़ाएंगे. 


ये गंभीर अपराध है
चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाना जेजे एक्ट की धारा 74 के मुताबिक गंभीर अपराध है, जिसमें 5 साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकता है. ये बालिका दुमका के प्राईवेट बस स्टैण्ड और आसपास भीख मांगते हुए पाई गई थी जिसे 12 मार्च को दुमका चाइल्डलाइन के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह द्वारा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था साथ ही समिति ने बालिका को बालगृह (बालिका) में भिवजा दिया था. 


भीख मांगते हुए मिली बच्ची
मां और मामा को नगर परिषद की तरफ से शहर के सराय रोड में संचालित आश्रय गृह में रखवाया गया था और इस परिवार को राइट टू फूड के तहत राशन दिलवाया गया था. 23 मार्च को मां छुट्टी के नाम पर 12 दिनों के लिए बालिका को अपने साथ घर ले गई थी पर उसे वापस बालगृह नहीं पहुंचाया. चाइल्डलाइन दुमका ने एसआईआर में बताया था कि बालिका की मां उसे बालगृह में नहीं बल्कि अपने साथ रखना चाहती है. मां ने अंडरटेकिंग भी दी थी कि वो बालिका से भीख नहीं मंगवाएगी, बावजूद बलिका दुमका के प्राईवेट बस स्टैण्ड पर भीख मांगते हुए पाई गई जिसकी सूचना सोसल मीडिया के जरिए समिति को मिली थी.


बालिका मां के साथ रहना चाहती थी
समिति ने 7 जून को ही चाइल्डलाइन दुमका को इस बालिका को दोबारा बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था पर उसकी मां और मामा आने से इनकार कर रहे थे. अंत में मसलिया पुलिस के सहयोग से बालिका और उसके परिवार को समिति के समक्ष हाजिर करवाया गया. बालिका अपनी मां के साथ रहना चाहती थी लिहाजा उसे मां एवं मामा के साथ वापस घर भेज दिया गया. बालिका सीडब्ल्यूसी के द्वारा सीआईएसएस (चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएसन) के रूप में चिन्हित की गई है. 


वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जमा करवाने का निर्देश
समिति ने चाइल्डलाइन दुमका को बालिका का पारिवारिक वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जमा करवाने का निर्देश दिया है ताकि उसे स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ा जा सके जिसके तहत उसे समाज कल्याण विभाग की तरफ से स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने बालिका की मां और मामा को अंतिम चेतावनी देकर बालिका को उनके हवाले कर दिया है. कहा गया है कि वो उससे भीख नहीं मंगवाएंगे अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और समिति बालिका को अपने संरक्षण में ले लेगी.


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