Dhanbad Judge Uttam Anand Death Case: धनबाद (Dhanbad) के जज उत्तम आनंद (Uttam Anand) की मौत (Death) के मामले में सीबीआई (CBI) की नजरें अब कुंती जिला एवं सत्र न्यायाधीश निवास की तरफ घूम गई हैं. सीबीआई ने झरिया की पूर्व विधायक कुंती सिंह के बेटे सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह समेत 3 लोगों से पूछताछ की है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत को लगभग 4 महीने हो गए है लेकिन, सीबीआई के हाथ अब तक कोई ठोस सुराग नहीं लगे हैं. जज उत्तम आनंद की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश भी हो सकती है. इस पूरे मामले को पहले सड़क हादसा माना जा रहा था, लेकिन जब घटना के सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो हत्या का एंगल सामने आ गया. माना जा रहा है कि मौत के पीछे कोई गहरी साजिश है. 


आखिर कैसे हुई जज की मौत
28 जुलाई 2021, दिन- बुधवार, समय- सुबह 5 बजे. जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक कर अपने घर की ओर लौट रहे थे. सड़क पूरी तरह से सूनसान थी. जज साहब सड़क के किनारे एकदम बाईं ओर टहल रहे थे. उसी समय वहां पीछे से एक ऑटो रिक्शा आया. ऑटो रिक्शा सड़क के बीचों बीच सीधे चल रहा था, लेकिन फिर अचानक ऑटो रिक्शा जज उत्तम आनंद की तरफ मुड़ गया और उन्हें टक्कर मार दी. ये पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.


कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने जज उत्तम आनंद को सड़क किनारे पड़े देखा. लोगों ने उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इस बीच जज जब  काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने मामले की सूचना सदर थाना पुलिस को दी. पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की. अस्पताल में एक लावारिस शव की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची. जज के बॉडीगार्ड ने उनके शव की पहचान की.


परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
जज उत्तम आनंद की मौत के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि ये कोई सड़क हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है. वहीं, सीसीटीवी फुटेज ने भी जज की मौत पर कई सवाल खड़े कर दिए. शुरुआती जांच में पता चला है कि ये ऑटो रिक्शा भी चोरी का था. 


झारखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान 
अगले दिन झारखंड हाईकोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत पर दुख जताया. उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था को विफल बताया. साथ ही जज की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया और कहा कि जांच की निगरानी हाईकोर्ट करेगा. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) संजय लाटकर के नेतृत्व में विशेष जांच गठित करने और मामले की तेजी से जांच कराने का राज्य सरकार को आदेश दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और घटना की जांच पर झारखंड के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक से एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट इस घटना की जांच की निगरानी करता रहेगा.


हाई प्रोफाइल मामलों से है कनेक्शन?
जज उत्तम आनंद अपनी अदालत में हाई प्रोफाइल हत्या के मामलों में सुनवाई कर रहे थे. ऐसे 15 से अधिक आपराधिक मामले थे. इसलिए इस पूरे मामले को इन हाई प्रोफाइल केस से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि घटना से कुछ दिन पहले ही जज उत्तम आनंद ने धनबाद के चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड मामले में दो गैंगस्टर्स की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. धनबाद नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की एके-47 रायफल से हत्या कर दी गई थी.



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