Jharkhand: भागवत राउत हत्याकांड में सभी सात आरोपी दोषी करार, 22 नवंबर को कोर्ट करेगा सजा का एलान
दुमका के पूर्व जिला परिषद और बीजेपी नेता भागवत राउत हत्याकांड के मामले में जिला और अपर सत्र न्यायाधीश ने भी सात आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब कोर्ट इनकी सजा पर 22 नवंबर को सजा का एलान करेगा.
Dumka: दुमका के चर्चित पूर्व जिला परिषद और बीजेपी नेता भागवत राउत हत्याकांड के साढ़े छह साल से चल रहे मामले में गुरुवार को जिला और अपर सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद ने मामले से जुड़े सभी सात आरोपियों को दोषी करार दिया है. इन आरोपियों मे तीन लोग हैं, जो मृतक भागवत राउत के चचेरे भाई हैं.न्यायलय ने इन सभी सात आरोपियों को दफा 302, 120 बी, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दोषी करार दिया है.पुलिस ने अदालत के आदेश पर सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.जबकि एक आरोपी पूर्व से जेल मे बंद है. जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत मे पेश हुआ था.
बताया जाता है कि बीजेपी नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य भागवत राउत पर उन्हीं के घर के सामने 3 मई 2016 की रात करीब 10 बजे हमला हुआ था.उनके सीने में 2 गोली मारी गयी थी.घायल अवस्था में भागवत राउत को सदर अस्पताल ले जाया गया था. जहां चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेहतर ईलाज के लिए हाइयर सेंटर रेफर कर दिया गया था,लेकिन रास्ते में ही भागवत की मौत हो गयी थी. इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर बीजेपी के नेता और कार्यकर्त्ताओं ने सड़क पर भागवत का शव रख कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी, और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की.
आरोपियों की हुई थी गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देख पुलिस ने FIR दर्ज की, लेकिन इस दौरान डीएसपी और एसपी का तबादला कर दिया गया.इस मामले में पप्पू राउत,नारायण हरि,किशोर यादव,शिशुपाल राउत,शम्भु राउत, विप्लव शर्मा और मुन्ना दुबे को आरोपी बनाया गया था.पप्पू राउत घटना के बाद से ही जेल में है. जबकि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी तो हुई थी, लेकिन उन्हें जमानत मिल गयी थी.वो वर्तमान में जेल से बाहर थे. इन आरोपियों को न्यायलय द्वारा गुरूवार को दोषी करार दिए जाने के साथ कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया.अब अदालत 22 नवम्बर को सजा का एलान करेगी.
न्यायालय ने सभी आरोपियों को दिया करार
भागवत राउत हत्याकांड में गुरुवार को सभी आरोपी न्यायालय परिसर में फैसले की घड़ी का इंतजार कर रहे थे. जहां आरोपी और उनके परिजन अपने केस में दोषी नहीं ठहराए जाने की मंशा से पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन कुछ ही समय में ही पूरा नजारा बदल गया.सभी आरोपियों को न्यायालय में बुलाया गया, उनसे बारी-बारी उनका नाम पूछा गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता के साथ अन्य अधिवक्ता भी न्यायालय में मौजूद थे. बाहर कोर्ट का फैसला सुनने के लिए शहर के लोगों की भीड़ भी जुटी हुई थी. इसी बीच अपर जिला और सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद ने अपने आदेशपाल को यह आदेश दिया कि पुलिस को बुलाया जाए.जैसे ही पुलिस पहुंची,वैसे ही न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी करार दे दिया. साथ ही सभी आरोपियों को कस्टडी में लेने का भी आदेश दे दिया.
सजा पर 22 नंवबर को एलान
इन आरोपियों को आईपीसी की धारा 302,120(बी) आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दोषी पाते हुए हुए कस्टडी ले लिया गया.अब सजा की बिन्दु पर 22 नवम्बर को अदालत एलान करेगी . भागवत राउत हत्याकांड की प्राथमिकी चार मई 2016 को दर्ज हुई थी, जबकि आरोप पत्र 27 जुलाई 2016 को दायर किया गया था.19 जून 2017 को आईपीसी की धारा 302,120 बी और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत आरोपियों पर आरोप तय किया गया था.जबकि इस साल 31 अगस्त 2022 को धाराओं में परिवर्तन किया गया था. आईपीसी की धारा 149 को 34 में बदला गया था.धारा 149 के तहत जितना अपराध किया गया,उतनी ही सजा मिलती है, लेकिन धारा 34 के तहत सभी को समान सजा मिलेगी. चाहे इनमें से किसी ने मामले में अलग-अलग कृत्य क्यों न किया हो.बता दें कि इस मामले में 24 गवाह बनाए गए. थे.
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