Jagarnath Mahato Death: झारखंड के 'टाइगर' कहे जाने वाले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर आज रांची (Ranchi) के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचा. यहां उनके चाहने वालों की भीड़ जमा हो गई. यहां हर कोई मंत्री जगरनाथ महतो के अंतिम दर्शन के लिए व्याकुल था. इसके साथ ही "टाइगर अमर रहे" का नारा पूरे एयरपोर्ट पर गूंज रहा था. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर को कंधा दिया. इस दौरान हर किसी की आंखे नम थी, प्रसंसको को विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि उनकी हक की लड़ाई लड़ने वाला आज उनके बीच नहीं रहा.
जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से झारखंड विधानसभा ले जाया गया जहां झारखंड के तमाम अधिकारियों और नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो ने मीडिया को बताया कि जगरनाथ महतो का जाना झारखंड की बहुत बड़ी छति है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक जगत में उनके असमय चले जाने से जो नुकसान हुआ है उसे भर पाना मुमकिन नहीं है. इसके साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्री हफीजुल हसन ने बताया कि जगरनाथ महतो उनके लिए बड़े भाई की तरह थे, उनकी असमय मौत उनके लिए निजी नुकसान है.
उन्होंने कहा कि जगरनाथ दादा का यूं चले जाना मन को विचलित कर रहा है. वहीं खिजरी विधानसभा के विधायक राजेश कस्चप ने बताया कि जगरनाथ दादा का वो जोश, वो आंदोलन जनता के लिए प्रेम झारखंड की जनता कभी नहीं भूल सकती है. बीमार रहने के बावजूद वो काम करते रहते थे. राजेश कस्चप ने आगे कहा कि लोग कहते रहते थे कि आराम कर लें मगर वे जिम्मेदारी निभाते चले गये. वो आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हम उन्हें अपने पास महसूस कर रहे हैं और हमेशा करेंगे.
चेन्नई में चल रहा था इलाज
आपको बता दें कि जगरनाथ महतो की 14 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं सीएम सोरेन की सलाह पर उन्हें बाद में चेन्नई ले जाया गया था. चेन्नई के बड़े अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया. शिक्षा मंत्री के निधन की खबर से झारखंड के राजनीति गलियारों में शोक की लहर है. हर कोई असमय जगरनाथ महतो के जाने से दुखी है.