Jharkhand News: झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से पारा शिक्षकों की सर्टिफिकेट की जांच अभी भी जारी है. राज्य में 61,141 पारा शिक्षकों में 56,837 के सर्टिफिकेट की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि अभी भी 4834 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है. अब तक हुई जांच में कुल 344 पारा शिक्षक फर्जी पाए गए हैं. वहीं इनमें अब तक 57 पर ही कार्रवाई की जा सकी है. बता दें कि, इसका खुलासा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट से हुआ है. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को ऐसे शिक्षकों पर अविलंब कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 243 पारा शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. इनका मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक या फिर प्रशिक्षण (बीएड-डीएलएड) का सर्टिफिकेट फर्जी है.
वहीं सर्टिफिकेट जांच के दौरान ही 30 पारा शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया. इनके अलावा 59 पारा शिक्षा अनैतिक रूप से बहाल थे और 12 पर क्रिमिनल केस थे ऐसे सभी पारा शिक्षकों को हटाने का निर्देश दिया गया है. हर जिलों से कार्रवाई की रिपोर्ट देखें तो अब तक 57 पारा शिक्षकों को ही बर्खास्त किया गया है. शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने कहा है कि, जिन पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं, उन्हें अब तक नहीं हटाया जा सका है. इस पर तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है. अगर किसी जिले में गलती से आकलन परीक्षा में किसी गलत प्रमाणपत्र वाले पारा शिक्षक का नाम चला गया है तो उसकी सूचना झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को देंगे. इसके बाद उस शिक्षक का नाम आकलन परीक्षा से हटाया जाएगा.
अभी तक नहीं शुरू हुई विभागीय कार्रवाई
शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने गिरिडीह जिले के दो प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पर विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके अब तक उन पर विभागीय कार्रवाई शुरू नहीं की गई है. शिक्षा सचिव ने इस पर नाराजगी जतायी है और गिरिडीह के जिला शिक्षा पदाधिकारी की क्लास लगायी है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दोनो बीईईओ पर अविलंब कार्रवाई की जाए. दरअसल, झारखंड शिक्षा परियोजना ने सर्टिफिकेट जांच के दौरान पकड़ में आए फर्जी पारा शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई का निणर्य लिया गया था. इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर कराने के साथ मानदेय की वसूली भी की जाएगी.