Hemant Soren Office of Profit Case: झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले को लेकर बीजेपी की शिकायत पर नई दिल्ली में केंद्रीय निर्वाचन आयोग (Central Election Commission) ने मंगलवार को सुनवाई की. बीजेपी की ओर से कुमार हर्ष ने पक्ष रखा. सोरेन की ओर से आयोग के समक्ष हाजिर हुए उनके वकीलों ने पक्ष रखने के लिए और समय की मांग की. गौरतलब है कि, बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान लीज पर लेने की शिकायत की है. बीजेपी ने इस बाबत झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित करा ली. इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की गई है. 


'क्यों नहीं विधानसभा से सदस्यता खत्म कर दी जाए'
आयोग इसी शिकायत के आधार पर सुनवाई कर रहा है. उसने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि क्यों नहीं विधानसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाए? इस नोटिस पर हेमंत सोरेन की ओर लिखित जवाब सौंपा गया था. इस पर सुनवाई के लिए चुनाव आयोग ने पूर्व में 2 बार तिथियां निर्धारित की, लेकिन हेमंत सोरेन ने दोनों बार अलग-अलग वजहों से वक्त की मांग की. उनके आग्रह पर पूर्व में निर्वाचन आयोग की ओर से 2 बार सुनवाई टाली जा चुकी थी. विगत 14 जून को आयोग ने साफ कहा था कि अब ज्यादा वक्त तक सुनवाई नहीं टाली जा सकती. आयोग ने 2 सप्ताह का समय देते हुए 28 जून की तिथि तय की थी. आयोग की ओर से ये भी कहा गया था कि वो खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखें, अन्यथा उनकी ओर से जो लिखित जवाब सौंपा गया है, उसी आधार पर फैसला लिया जाएगा.


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