Jharkhand में जारी सियासी संकट के बीच चुनाव आयोग करेगा बसंत सोरेन मामले पर सुनवाई, जानें पूरा मामला
Ranchi News: बसंत सोरेन (Basant Soren) ने अपने चुनावी हलफनामे में ये नहीं बताया कि वो एक खनन कंपनी में निदेशक हैं. चुनाव आयोग इसी मामले को लेकर सुनवाई करेगा.
Election Commission To Hear Basant Soren Case: चुनाव आयोग (Election Commission) सोमवार को दुमका (Dumka) से झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के छोटे भाई बसंत सोरेन (Basant Soren) की अयोग्यता के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करेगा. हेमंत सोरेन के लाभ के पद के मुद्दे पर चुनाव आयोग पहले ही झारखंड राजभवन को अपनी सिफारिशें भेज चुका है और किसी भी समय निर्णय की उम्मीद है. इससे पहले, चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत बसंत सोरेन को नोटिस जारी किया था, जो एक सरकारी अनुबंध के लिए एक विधायक की अयोग्यता से संबंधित है.
जानें क्या है आरोप
आरोप लगाया गया है कि बसंत सोरेन ने अपने चुनावी हलफनामे में ये जानकारी छिपाई कि वो एक खनन कंपनी में निदेशक हैं. बीजेपी ने दावा किया कि सोरेन निदेशक के पद पर हैं, जो लाभ के पद के अंतर्गत आता है. आरोप ये भी है कि, बसंत सोरेन ने खनन और अन्य व्यावसायिक अधिकार प्राप्त करने के लिए अपने दबदबे का इस्तेमाल किया.
चुनाव आयोग का नोटिस
चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस में बसंत सोरेन को यह बताने के लिए कहा गया था कि क्या यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत झारखंड विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने का एक उपयुक्त मामला है क्योंकि वो कथित रूप से निजी व्यवसाय में शामिल हैं.
बीजेपी का दावा
बीजेपी ने दावा किया कि संविधान का अनुच्छेद 192 एक निर्वाचित प्रतिनिधि को व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकता है. ग्रैंड्स माइनिंग वर्क्स फरवरी 2015 में स्थापित एक लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप कंपनी है.
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