झारखंड के राज्य चुनाव आयोग ने माना है कि कांग्रेस ने 'साइलेंट पीरियड' में मैनिफेस्टो जारी कर नियमों का उल्लंघन किया. आयोग ने रिपोर्ट को इलेक्शन कमीशन को भेज दी है. मंगलवार (12 नवंबर) शाम कांग्रेस ने मैनिफेस्टो रिलीज़ किया था जिसके बाद बीजेपी की तरफ से चुनाव आयोग में शिकायत की गई थी.


कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कुल सात वादें किए हैं. इसमें महिलाओं को 2500 रुपये, 450 रुपए में गैस सिलेंडर, हर व्यक्ति को 7 किलो राशन,  10 लाख नौकरी और 15 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य बीमा जैसे वादे शामिल हैं.


इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर संविधान और चुनाव के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. बीजेपी राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए संबित पात्रा ने कहा कि आज 13 तारीख है और झारखंड में मतदान चल रहा है. झारखंड में संविधान के अनुसार, लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है और यह हिंदुस्तान की खूबसूरती है.


पात्रा ने आगे कहा कि वहीं इस देश में एक ऐसा राष्ट्रीय दल है जो समय-समय पर संविधान की धज्जियां उड़ाता रहता है. मतदान से पहले के 48 घंटे साइलेंट पीरियड होते हैं. चुनाव के नियमों के अनुसार इन 48 घंटों के दौरान कोई राजनीति पार्टी चुनाव प्रचार नहीं कर सकती और ना ही अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है. कोई बड़ा नेता उस समय रैली नहीं कर सकता है. इस नियम से कोई भी अनभिज्ञ नहीं हैं.


बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के तथाकथित दिग्गज नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग को गंभीरता से नहीं लेते हैं. वो हमेशा चुनाव आयोग के खिलाफ कहते रहे हैं और जिस प्रकार से कल राहुल गांधी की पार्टी ने चुनाव आयोग की धज्जियां उड़ाई है, भाजपा की राज्य इकाई ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है. चुनाव आयोग को कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.


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