Jharkhand Elephant Attack in Hazaribagh: झारखंड (Jharkhand) के कई जिलों में हाथियों (Elephant) ने आतंक मचा रखा है. हजारीबाग (Hazaribagh) के टाटीझरिया क्षेत्र में तबाही मचाने के बाद हाथियों का झुंड दारू प्रखंड के दारुडीह गांव पहुंचा और यहां जमकर उत्पात मचाया. झुंड में छोटे और बड़े मिलाकर कुल 13 हाथी हैं, जिनके आगे वन विभाग (Forest Department) भी लाचार और बेबस नजर आ रहा है. यहां हाथियों के इस झुंड ने किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया है, घरों को तोड़ दिया है और अनाज चट कर गए हैं. आलम ये है कि हाथियों के डर से लोग पूरी रात जागते हुए काट रहे हैं.
परेशान हैं ग्रामीण
ग्रामीणों के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारी मौके पर आए थे लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. ग्रामीण अपने स्तर पर हथियों को भगाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है. लोगों का कहना है कि, हाथी हर साल आकर फसलों, अनाज और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलता है. ग्रामीण अपने परिजनों को लेकर चिंतित हैं उनका कहना है कि, जिस तरह से हाथियों का झुंड तबाही मचा रहा है उससे अनहोनी घट सकती है. ग्रामीणों ने वन विभाग से मुआवजा दिलाने और हाथियों को क्षेत्र से दूर खदेड़ने की मांग की है.
हाथियों का आतंक
बता दें कि, हाथी राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में जमकर आतंक मचा रहे हैं. पिछले 2 से 3 वर्षों में हजारीबाग जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है. यहां इस साल अब तक हाथी 14 लोगों की जान ले चुके हैं. इसी तरह गिरिडीह में 9, लातेहार में 8, खूंटी में 5, चतरा, बोकारो और जामताड़ा में तीन-तीन लोग हाथियों के हमले में मारे गए हैं.
मंत्री ने कही ये बात
झारखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में वन विभाग के प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने हाथियों के उत्पात से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया था कि वर्ष 2021-22 में हाथियों द्वारा राज्य में जानमाल को नुकसान पहुंचाए जाने से जुड़े मामलों में वन विभाग ने एक करोड़ 19 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद्व बढ़ने के कई कारण हैं. जनसंख्या बढ़ने के कारण वन्यजीव का प्रवास क्षेत्र प्रभावित हुआ है. गांवों में मादक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं, जिसकी महक हाथियों को आकर्षित करती है. इस कारण भी हाथियों की आदतों और भ्रमण के मार्ग में बदलाव आया है.
ये भी पढ़ें: