(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand के गढ़वा में हाथियों ने किसानों की फसलों को किया बर्बाद, रात भर मचाया उत्पात
Garhwa News: झारखंड (Jharkhand) में हाथी लगातार किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. गढ़वा में हाथियों नें किसानों की फसलों को रौंद दिया है. किसान हाथियों से खासे परेशान हैं.
Jharkhand Elephnats Destroyed Farmers Crops: झारखंड (Jharkhand) में हथियों (Elephnats) का उत्पात लगातार जारी है. ताजा मामला गढ़वा (Garhwa) जिले के चिनियां थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां जंगली हाथियों के झुंड ने सोमवार की रात जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान हाथियों ने गांव में आधा दर्जन से अधिक किसानों (Farmers) की फसलों को रौंद डाला. हाथियों के लगातार बढ़ रहे खतरे के वजह से ग्रामीण खासे डरे हुए हैं और वन विभाग (Forest Department) के रवैये पर नाराजगी जताई है. किसानों ने बताया कि पहले खेतों में हाथियों का एक झुंड पहुंचा और फिर कुछ देर बाद दूसरा झुंड में आ धमका. हाथी पूरा रात फसलों को रौंदते रहे और फिर जंगल की तरफ चले गए.
जारी है इंसानों और हथियों के बीच संघर्ष
गौरतलब है कि, झारखंड में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2022 के बीते 8 महीनों की बात करें तो हाथियों के हमले में जहां 55 लोगों ने जान गंवाई है, वहीं अलग-अलग वजहों से 10 हाथियों की मौत हुई है. झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व (Palamau Tiger Reserve) के लाटू जंगल से बीते 21 सितंबर को वन विभाग (Forest Department) की टीम ने हाथी का कटा हुआ दांत बरामद किया था. इसी तरह रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड के डूमरडीह जंगल में बीते 15 सितंबर को एक हाथी मरा पाया गया था. मई के तीसरे हफ्ते में चक्रधरपुर रेलमंडल अंतर्गत बांसपानी-जुरुली रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी की चपेट में आकर 3 हाथियों की मौत हो गई थी. अगस्त के पहले हफ्ते में पलामू टाइगर रिजर्व एरिया के फुलहर जंगल में एक हाथी मरा पाया गया. बीते 31 जुलाई को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के रेची जंगल में एक हाथी की लाश मिली थी.
हाथी मचा रहे हैं उत्पात
गुस्साए गजराज भी राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में जमकर आतंक मचा रहे हैं. पिछले 2-3 वर्षों में हजारीबाग जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है. यहां इस साल अब तक हाथी 15 लोगों की जान ले चुके हैं. इसी तरह गिरिडीह में 9, लातेहार में 8, खूंटी में 6, चतरा, बोकारो और जामताड़ा में 3-3 लोग हाथियों के हमले में मारे गए हैं. हाल की घटनाओं की बात करें तो सितंबर के दूसरे हफ्ते में गुमला बड़ातुरिअम्बा गांव निवासी 30 वर्षीय बाइक सवार कृष्णा हजाम को अमलिया जंगल के पास हाथी ने कुचलकर मार डाला था. रामगढ़ जिले के गोला के सरला गांव में 9 सितंबर को किसान सावन महतो को 2 हाथियों ने कुचल डाला. 28 जुलाई को हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड के मोरांगी नोवकी टांड़ निवासी जितेंद्र राम को हाथियों के झुंड ने कुचल कर मार डाला था. इसके एक दिन पहले 27 जुलाई को खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमला पोढो टोली गांव में हरसिंह गुड़िया नाम के एक दिव्यांग को झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला था. 22 जुलाई को इसी जिले के कर्रा में जंगली हाथियों को भगाने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम पर ही हाथियों ने हमला बोल दिया, जिसमें एक वनरक्षी जसबीन सालगर आईंद की मौत हो गई थी.
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