JPSC Preliminary Exam Results: झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर उठे विवाद में एक और कड़ी जुड़ गई है. परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के प्रदर्शन में शामिल रहे भाजपा (BJP) के 2 विधायकों भानु प्रताप शाही (Bhanu Pratap Shahi) और नवीन जायसवाल (Naveen Jaiswal) के साथ कुल 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराए जाने पर भाजपा बिफर पड़ी है.
पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
गौरतलब है कि, जेपीएससी अभ्यर्थियों ने परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए मंगलवार को रांची में प्रदर्शन किया था. इस दौरान अभ्यर्थियों ने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज भी किया था. इस मामले को लेकर बुधवार को लालपुर थाने में विधायक भानु प्रताप शाही और नवीन जायससवाल सहित 13 लोगों पर दर्ज कराई गई एफआईआर में सरकारी काम में बाधा डालने, विधि व्यवस्था भंग करने और कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.
जनता की आवाज दबाना चाहती है सरकार
झारखंड प्रदेश भाजपा ने इस एफआईआर को सरकार की दमनात्मक कार्रवाई बताया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने गुरुवार को कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार लाठी और फर्जी मुकदमों के बल पर जनता की आवाज दबाना चाहती है. आखिर युवाओं से सरकार इतना डरी क्यों है? आंदोलन के एक दिन बाद छात्रों और भाजपा नेताओं पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है.
सरकार अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी है
पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि नियुक्तियों का सपना दिखाकर सरकार छात्रों पर लाठियां बरसा रही है. ऐसा कर सरकार अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने की कोशिश में लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले तो जेपीएससी में गड़बड़ी कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया और जब युवाओं ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया तो युवाओं के साथ साथ भाजपा विधायकों पर बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाईं. इससे भी युवाओं को आंदोलन से डिगा नहीं पाए तो भाजपा के विधायकों समेत 13 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. युवाओं को नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देने के झूठे वादे करके हेमंत सोरेन ने सरकार तो बना ली. अब जब युवा उन्हें उनका वादा याद करा रहे हैं, तो उनपर जुल्म किया जा रहा है.
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