Jharkhand News: झारखंड सरकार ने राजभवन द्वारा लौटाए गए तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को राजभवन को ही वापस लौटा दिया है. ये विधेयक 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति, मॉब लिचिंग विधेयक और सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने संबंधी विधेयक हैं. दरअसल, बुधवार को राजभवन को भेजे गए मेमोरेंडम में सरकार ने कहा है कि बिल विधानसभा से पास होने के बाद विधानसभा सचिवालय ने राजभवन को भेजा था. इसलिए राजभवन को भी त्रुटि या मेमोरेंडम विधानसभा को ही भेजा जाना चाहिए. ऐसा पहली बार है जब राजभवन से लौटाए गए विधेयक को सरकार ने वापस राजभवन को ही लौटा दिया है.
इसी बीच गुरुवार को सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 27% करने संबंधी विधेयक सहित इन तीनों विधेयकों को सरकार फिर विधानसभा के पटल पर रखेगी. इसके लिए राज्यपाल सचिवालय से लौटाए गए विधेयकों से संबंधित राज्यपाल का संदेश उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. पहले माना जा रहा था कि राजभवन द्वारा लौटाए गए विधेयकों को सरकार मानसून सत्र में उसी रूप में पारित कराकर फिर राज्यपाल को भेजेगी.
पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा विधेयक लौटे
बता दें कि, इससे पहले झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 को फिर से पारित कराकर राजभवन भेजा गया था. वहीं अब सरकार ने राजभवन को मेमोरेंडम ही लौटा दिया है. संविधान के अनुच्छेद 200 में प्रावधान है कि, राज्यपाल विधानसभा को इस संदेश के साथ विधेयक लौटा सकेंगे कि सदन विधेयक की किसी धारा या प्रावधान पर पुनर्विचार करे. गौरतलब है कि पिछले पांच सालों से राजभवन से विधेयक लौटाने की परंपरा शुरू हुई है.
पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा विधेयक राजभवन ने सरकार को लौटाया है. दरअसल, 2013 में विधानसभा से झारखंड विधानसभा निबंधन विधेयक और 2016 में सीएनटी संशोधन विधेयक व एसपीटी अनुबंध अनुपूरक विधेयक पारित हुआ था. ये तीनों विधेयक राजभवन से कुछ सवाल और विचार के साथ विधानसभा को लौटाया गया था. बाद में सरकार ने इन विधेयकों को वापस ले लिया.
ये बिल विधानसभा से पारित पर अधिनियम नहीं बना
- सिगरेट और तंबाकू उत्पाद विज्ञापन विधेयक-2021
- झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक-2021
- झारखंड वित्त विधेयक-2021
- झारखंड भीड़ हिंसा, मॉब लिंचिंग विधेयक-2021
- झारखंड काराधान बकाया राशि समाधान विधेयक-2022
- झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण विधेयक-2022
- झारखंड उत्पाद संशोधन विधेयक-2022
- झारखंड कोर्ट फीस संशोधन विधेयक-2022
- झारखंड वित्त (बीमा) विधेयक-2022
- जैन विश्वविद्यालय विधेयक-2023
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