Jharkhand Reservation Politics: पिछड़ों की लड़ाई में अपनी ताकतवर उपस्थिति दर्ज करने वाली कमेटी पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री लालचंद महतो (Lalchand Mahto) सोमवार को सरायकेला जिले के कोलाबीरा पहुंचे. यहां उन्होंने पिछड़ा मोर्चा संघर्ष समिति के जिला संयोजक की घोषणा की एवं तमाम नए जुड़े सदस्यों एवं संयोजकों को आगामी 21 जनवरी 2022 को पूरे झारखंड (Jharkhand) में प्रखंड वार होने वाले धरना के लिए तैयार रहने का आदेश भी दिया. 


भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप 
पूर्व मंत्री ने कहा की पूर्व की भाजपा सरकार ने झारखंड में पिछड़ों का आरक्षण (Reservation) घटाने का काम किया है. संविधान के अनुसार जिले में मौजूद जनसंख्या के आधार पर उन्हें आरक्षण देना तय किया गया है. पिछड़ों की मौजूदगी सभी जिलों में सबसे ज्यादा है जिसका आधा आरक्षण भी पिछड़ों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए वो आंदोलनरत हैं और अपना अधिकार सरकार से लेकर रहेंगे. 


एससी, एसटी और पिछड़ों का आरक्षण 73 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
गौरतलब है कि,  झारखंड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को कुल 73 प्रतिशत करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास है, इस पर विचार भी किया जा रहा है. ये जानकारी झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में राज्य सरकार की ओर से दी गई थी. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) ने आजसू पार्टी के विधायक सुदेश कुमार महतो (Sudesh Kumar Mahto) की ओर से सदन में लाए गए एक गैर सरकारी संकल्प के जवाब में बताया था कि आरक्षण (Reservation) का प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए अगले 2 महीने में उपसमिति बनाई जाएगी. कुल 73 प्रतिशत आरक्षण में एसटी को 32, एससी को 14 और पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव है. 


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