Jharkhand News: झारखंड के रांची में सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने विधानसभा घेराव मामले में मंगलवार को अपर न्याययुक्त पीके शर्मा की अदालत में सरेंडर कर दिया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है. अमित के खिलाफ साल 2022 में विधानसभा घेराव कार्यक्रम के बाद रांची के धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में सरकारी काम में बाधा डालने और बिना अनुमति सड़क जाम करने सहित कई आरोप लगाये गये थे.


इस केस में उन्होंने रांची सिविल कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में भी अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, वह भी खारिज हो गई. अमित महतो फिलहाल खतियानी झारखंडी पार्टी के नेता है. गौरतलब है कि एक अन्य मामले में विधायक रहते हुए अमित महतो को दो साल की सजा हुई थी. उसके बाद उनकी विधायकी चली गयी थी. इसके बाद अदालत ने उनकी सजा को कम करते हुए एक साल कर दिया था.


प्रेस क्रांफ्रेस कर दी जानकारी
बता दें कि सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो कोर्ट में सरेंडर करने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी थी, कि वे आज सरेंडर करने वाले है. उन्होंने बताया था कि 2006 के सोनाहातू सीओ मामले और 2023 में विधानसभा घेराव मामले में सरेंडर करेंगे. अमित महतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 2006 मामले में मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है. जबकि विधानसभा घेराव केस में मुझे अदालत की तरफ से जमानत नहीं मिली, मैं सरकार की लगत नीतियों का विरोध करता रहूंगा. चाहे मुझे कितनी बार भी जेल जाना पड़े. बता दें कि, 20 फरवरी 2022 को अमित महतो ने पत्नी के साथ झामुमो पार्टी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव सहित कुछ अन्य आदिवासी-कुर्मी नेताओं के साथ खतियानी झारखंडी पार्टी का गठन किया था. बाद में गीताश्री उससे अलग हो गईं.






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