Jharkhand News: झारखंड के गढ़वा (Garhwa) जिले के मेराल में एक व्यक्ति की हत्या में कुछ संदिग्धों को पकड़ने के बाद थाने से छोड़ देने से शनिवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. हजारों ग्रामीणों ने मेराल थाने पर जमकर पथराव किया. जवाब में पुलिस ने भी बल प्रयोग किया और आंसू गैस छोड़े. इस टकराव में पुलिसकर्मियों सहित एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं. गुस्साये लोगों ने मेराल थाना के पास एनएच-75 को पांच घंटों से जाम कर रखा था. तनावपूर्ण हालात के बीच पुलिस के अफसरों ने लोगों को समझाने की कोशिश की.
कुछ संदिग्धों को छोड़ने पर गुस्साए ग्रामीण
मेराल थाना क्षेत्र के हासनदाग गांव निवासी 70 वर्षीय नाथन चौधरी का शव बीते 18 अगस्त एक नदी के पास पाया गया था. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उनकी हत्या की गयी है. उस दिन ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर काफी देर तक उनका शव उठने नहीं दिया था. तब मेराल थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देकर उनका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. इसके अगले ही दिन मेराल थाना पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया. हासनदाग गांव के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वे भारी संख्या में थाना पर पहुंचे.
पुलिस प्रशासन ने कही ये बात
यहां थाना प्रभारी से बातचीत के दौरान ग्रामीण उत्तेजित हो गये और उन्होंने थाने पर पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस ने भी जवाबी बल प्रयोग किया. इसकी जानकारी मिलने पर कई अन्य गांवों के लोग पहुंच गये और एनएच 75 को जाम कर दिया. लोग नाथन चौधरी के हत्यारों को गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी राज महेश्वरम एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव मौके पर पुलिस बल के साथ तैनात थे. गढ़वा के एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि मृतक के परिजनों द्वारा कुछ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. चार लोगों को थाने में पूछताछ के लिए लाया गया था, लेकिन उनके सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया. जांच चल रही है.
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