Jharkhand News: झारखंड के गिरिडीह जिला में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात दर्दनाक हादसा हो गया. झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटे की मौत हो गई. घटना डुमरी प्रखंड के जिलिमटांड़ गांव की है. मृतकों की पहचान नुनिया देवी और 12 वर्षीय बाबूचंद मुर्मू के रूप में हुई है.


इस मौके पर पहुंची पुलिस ने मां-बेटे के शव का अवशेष बरामद कर अस्पताल भेजा. जानकारी के मुताबिक, दोनों खलिहान में पुआल से बनाई गई अस्थायी झोपड़ी में सो रहे थे. ठंड से बचाव के लिए पास में अलाव जलाई गई थी. देर रात आग ने झोपड़ी को चपेट में ले लिया.


आग के शोलों की चपेट में आए मां-बेटे को झोपड़ी से बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका. चीख पुकार गांव और परिवार के लोगों तक पहुंची. महिला के पति सोमरा मुर्मू ने बताया कि आग लगने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों और पुलिस को सूचना दी गई. डुमरी थाने की पुलिस शुक्रवार को मौके पर पहुंची. तब तक मां-बेटे की झुलसकर मौत हो चुकी थी. आग बुझाकर शवों के अवशेष निकाले गए. डुमरी थाना प्रभारी जगन्नाथ पान ने बताया कि ग्रामीणों ने हादसा बताया है. मामले की जांच की जा रही है.


झोपड़ी में आग लगने से दो की मौत


दर्दनाक हादसे की जानकारी पाकर स्थानीय विधायक जयराम महतो गांव पहुंचे. उन्होंने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को सांत्वना और मदद का भरोसा दिया. विधायक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घटना की जानकारी देकर मुआवजे की मांग की. उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि और आग से खलिहान को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की गई है.


हालिया दिनों झारखंड धान के खलिहानों में अगलगी की घटनाओं का गवाह रहा है. 18 दिसंबर को गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत विश्वासखानी गांव में आग लगने से चंदेश्वरी यादव नामक किसान को बड़ा नुकसान हुआ था. किसान की तीन एकड़ क्षेत्र में धान की फसल नष्ट हो गई थी. एक सप्ताह के दौरान अलग-अलग जिलों में अगलगी की घटनाएं हुई हैं. हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड अंतर्गत झरपो, रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकला गांव में भी खलिहान आग की चपेट में आए हैं. 


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