Jharkhand News: हमारा देश कृषि प्रधान है, जहां आज भी 70 प्रतिशत आबादी खेती या पशुपालन पर आश्रित है, लेकिन झारखंड के गोड्डा (Godda) जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग एक खास जानवर को नहीं पालते हैं. इसके पीछे एक रोचक वजह भी है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत रामकोल गांव की. यहां कोई भी बकरी पालन नहीं कर सकता है. 20-25 साल पहले गांव में पंचायत के माध्यम से इस पर रोक लगाई गई थी. तब से आज तक लोग इस फैसले का पालन कर रहे हैं.
दरअसल, यहां बकरी पालने पर 1,500 जुर्माना सहित बकरी जब्त कर ली जाती है. इस गांव में बकरी के अलावा हर पालतू जानवर पालने की अनुमति है. दरअसल, आज से करीब 20-25 साल पहले एक बकरी किसी के खेत की फसल खा गई थी, उसको लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ. गावं के पंचायत में बकरी के खेत चरने के मामले को लेकर अक्सर विवाद होता देख पंच ने ये फैसला लिया कि इस गांव में कोई भी बकरी ही नहीं पालेगा.
25 साल से लोग मान रहे पंचायत का कहना
वहीं दूसरी ओर बच्चों का समय भी खराब होता था. पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाते थे. इसलिए गांव में बकरी पालन पर रोक लगा दिया गया. फिलहाल कोई भी बकरी पालन इस गांव में नहीं कर रहा है. इसके बाद तब से लेकर आज तक इस गांव के लोग बकरी नहीं पालते हैं. ये सब सुनने में हास्यपद प्रतीत तो होता है, लेकिन पंचायत की बात 25 साल से सभी एक जुट होकर मान रहे हैं ये बड़ी बात है. जहां आज के जमाने मे लोग भारत के कानून को नहीं मानते वहां लोग पंचायत में लिए गए फैसले पर अब तक अमल कर रहे हैं ये बड़ी बात है.
(इनपुट- अमित सिंह)
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